लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना या एमएनएस एनडीए गठबंधन का हिस्सा बन सकती है। अगर ऐसा होता है तो महाराष्ट्र में एनडीए गठबंधन और मजबूत होगा। महाराष्ट्र में इस समय एनडीए की सरकार है, जिसमें भाजपा के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी पहले ही गठबंधन कर शामिल है।
इस बीच सोमवार की रात खबर आई कि राज ठाकरे गठबंधन को लेकर भाजपा शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के लिए दिल्ली रवाना हो चुके हैं। सूत्रों का दावा है कि राज ठाकरे अगर एनडीए में शामिल होते हैं तो एनडीए की ओर से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 2 सीटें लड़ने के लिए दी जा सकती हैं।
उन्हें मुंबई दक्षिण सीट एनडीए दे सकता है। राज ठाकरे दिल्ली में भाजपा नेताओं से मुलाकात में कम से कम दो सीटों की मांग करेंगे। वहीं महाराष्ट्र भाजपा के कुछ नेताओं के भी दिल्ली पहुंचने की खबर है।
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 में छोटे-छोटे दलों को भी अपनी ओर मिलाकर अपना वोट प्रतिशत और सीटें बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में वह राज ठाकरे की मनसे को भी एनडीए में शामिल करवाना चाहती है। अगर राज ठाकरे की शर्ते मान ली जाती है तो वह एनडीए में शामिल हो सकते हैं।
अंग्रेजी अखबार द हिंदू की एक रिपोर्ट कहती है कि सूत्रों ने बताया कि अपनी पार्टी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की अटकलों के बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे सोमवार देर रात दिल्ली पहुंचे, जहां उनकी भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि अपनी पार्टी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की अटकलों के बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे सोमवार देर रात दिल्ली पहुंचे, जहां उनकी भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की उम्मीद है।
सूत्रों के अनुसार, राज ठाकरे, अपने बेटे और मनसे नेता अमित ठाकरे के साथ, सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए। एक सप्ताह में राजधानी की उनकी यह दूसरी यात्रा है। शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की उम्मीद है।
बीजेपी भी सीट बंटवारे के विवादों को सुलझाने के लिए अपनी कोर कमेटी की बैठक कर रही है, इस मौके पर महाराष्ट्र बीजेपी नेता देवेंद्र फड़णवीस भी मौजूद हैं।
राज ठाकरे द्वारा अपनी सार्वजनिक रैलियों में इस गठबंधन या इस मुद्दे पर कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाते हैं। इसके बावजूद लंबे समय से उनके भाजपा के साथ होने वाले संभावित गठबंधन की चर्चा है।
पूरे महाराष्ट्र में मनसे का एक भी विधायक या सांसद नहीं होने के बावजूद, भाजपा को उम्मीद है कि वह मुंबई, ठाणे, पुणे और नासिक नगर निकायों में राज ठाकरे के अभी भी मौजूद मराठी भाषी वोट बैंक का उपयोग कर सकेगी। एमएनएस ने 2012 में पुणे और नासिक नगर निकायों के चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन किया था। उसके बाद आंतरिक कलह और बेतरतीब प्रचार ने पार्टी को कमजोर किया है।
द हिंदू की यह रिपोर्ट कहती है कि 2014 के संसदीय और विधानसभा चुनावों में एमएनएस की दोहरी पराजय ने पार्टी को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। 2019 के राज्य और आम चुनावों में भी पार्टी की यह गिरावट जारी रही। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी हार के बाद, एमएनएस ने 'हिंदुत्व' राजनीति की ओर रुख करके अपनी वैचारिक दिशा बदल दी थी।
अपनी राय बतायें