क्या मुंबई में जुलाई महीने में कोरोना पर नियंत्रण हासिल कर लिया जाएगा? मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त इकबाल चहल ने दावा किया है कि जुलाई मध्य तक मुंबई में कोरोना के मामलों पर पूरी तरह नियंत्रण की योजना बनाकर काम किया जा रहा है। चहल ने कहा कि मुंबई में मरीजों के पॉजिटिव होने की डबलिंग की अवधि अब सैंतीस दिन हो चुकी है और शीघ्र ही हम इसे पचास दिन तक पहुंचाने में सफल हो जाएंगे।
महानगरपालिका आयुक्त ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मुंबई के छह वार्ड बोरिवली, कांदिवली, दहिसर, मलाड, मुलुंड और भांडुप में ‘मिशन जीरो’ नामक अभियान शुरू किया गया है। ये इलाक़े इन दिनों कोरोना संक्रमण का मुख्य केंद्र बने हुए हैं।
बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन, भारतीय जैन संघ, अपना देश संगठन, एमसीएचआई (मुंबई चेंबर ऑफ़ हाउसिंग) जैसे प्रमुख संगठन भी महानगरपालिका की इस मुहिम में सहयोग के लिए आगे आये हैं। उत्तर मुंबई के छह विभागों में पचास मोबाइल चिकित्सालय कार्यरत किये जा रहे हैं जो लोगों की बड़े पैमाने पर जांच कर रहे हैं।
वर्ली, धारावी, गोवंडी, भायखला में मोबाइल डिस्पेंसरी व मेडिकल कैंप के जरिए बड़े पैमाने पर मरीजों की पहचान हुई थी, जिससे उन्हें क्वारंटीन कर उन वार्डों में कोरोना की रफ़्तार बहुत धीमी करने में मदद मिली है।
धारावी में संक्रमण की दर गिरी
अब तक मुंबई में 94 लाख से ज़्यादा लोगों का सर्वे किया जा चुका है। 5 लाख सीनियर सिटिजन की जांच की गई है। धारावी जैसे इलाक़ों में डबलिंग रेट 79 दिन तक पहुंच गया है, जो एक अच्छा संकेत है। धारावी में अप्रैल में संक्रमण की दर 12 फीसद थी, जो अब घटकर 1.2 पर आ गयी है और ऐसा दक्षिण और मध्य मुंबई के करीब सभी हिस्सों में हो रहा है।
चहल ने कहा, ‘जिस तरह से हमने कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगाया है, इससे जुलाई मध्य तक हम मुंबई में कोरोना पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लेंगे। टेस्टिंग लैबोरेट्री को 24 घंटे में टेस्ट रिपोर्ट देना अनिवार्य करने के साथ-साथ मई में 3700 बेड की तुलना में आज 12 हजार बेड उपलब्ध हैं।’ उन्होंने कहा कि जून के आखिरी तक 15 हजार और जुलाई के आखिरी तक मुंबई में 20 हजार बेड कोरोना मरीजों के इलाज के लिए उपलब्ध होंगे।
महानगरपालिका आयुक्त चहल ने कहा कि मई में एंबुलेंस की संख्या 100 थी, जो अब बढ़कर 700 हो गई है। उन्होंने कहा, ‘मुंबई के सभी 24 वॉर्डों में वॉर्ड वार रूम तैयार किया गया है। इससे बेड मैनेजमेंट बेहतर हुआ है और आज अस्पतालों में ढाई हजार बेड खाली हैं। 1300 आईसीयू बेड में से 71 खाली हैं।’ हालांकि अभी भी लोगों की ये शिकायत है कि उन्हें चिकित्सालयों में बेड नहीं मिलते और परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग की मानें तो 7 जून को महानगर में कोरोना वायरस के 1,421 मामले दर्ज हुए थे। ये 20 जून को घटकर 1,197 हो गए। इन 13 दिनों में कोरोना वायरस के नए मामले औसतन 1,100 से 1,300 के बीच देखने को मिले हैं।
मुंबई में 67 हजार से अधिक कोरोना संक्रमितों में से 34 हजार से अधिक लोग ठीक हो चुके हैं और अब 29 हजार एक्टिव केस हैं।
बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर सुरेश काकानी ने कहा, ‘पिछले 13 दिनों के आकंड़ों के आधार पर मुंबई में वायरस को स्थिर माना जा सकता है और आने वाले समय में जल्द ही मामलों में कमी दिख सकती है।’
बीएमसी ने जो आंकड़े जारी किए हैं उनके मुताबिक़ कोरोना मरीज पाए जाने के कारण महानगर में 10,369 इमारतें सील की गईं थी लेकिन मरीज ठीक होने से उनमें से 4,710 यानी 45 प्रतिशत इमारतों को सील से मुक्त कर दिया गया है। कोरोना मरीजों के कारण अब 5,659 यानी 55 प्रतिशत इमारतें ही सील हैं।
बीएमसी के वेस्ट वार्ड के अंतर्गत अंधेरी पश्चिम, वर्सोवा इलाके में सबसे ज्यादा 516 इमारतें अब तक रिलीज हो चुकी हैं। यहां अब केवल 230 इमारतें सील हैं। इमारतों की सील हटने के मामले में बोरिवली दूसरे नंबर पर है। यहां सबसे ज्यादा 935 इमारतें सील हुई थीं, जिनमें से 476 इमारतों को रिलीज किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि दो-तीन सप्ताह से इस क्षेत्र में कोरोना के बड़े पैमाने पर संक्रमण के नए मामले आ रहे थे। इसके अलावा सायन, माटुंगा, वडाला एरिया में सील हुईं 584 इमारतों में से 52 इमारतें रिलीज हुई हैं।
मुलुंड एरिया में सबसे कम 23 इमारतें रिलीज हुई हैं। यहां अब भी 454 बिल्डिंगें सील हैं। अंधेरी पूर्व में सबसे ज्यादा 587 सील बिल्डिंगें हैं। यहां 86 इमारतों की सील हट चुकी है। इमारतों के अलावा कन्टेनमेंट ज़ोन में भी बड़ी संख्या में कमी आयी है।
कंटेनमेंट ज़ोन की संख्या घटी
मुंबई में बनाए गए 1,293 कंटेनमेंट ज़ोन में से 871 ही एक्टिव रह गए हैं, जबकि 422 को रिलीज कर दिया गया है। एल वॉर्ड के अंतर्गत कुर्ला, साकीनाका एरिया में सबसे ज्यादा 328 कंटेनमेंट ज़ोन थे, जिनमें से 216 को रिलीज किया जा चुका है। सबसे कम 58 कंटेनमेंट जोन मलबार हिल, महालक्ष्मी और रेसकोर्स एरिया में थे।
टेस्टिंग में दूसरे नंबर पर मुंबई
बता दें कि बीएमसी कमिश्नर बनने के बाद चहल ने कंटेनमेंट जोन की परिभाषा बदल दी। इसके तहत चॉल और स्लम एरिया को ही कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा रहा है। इमारत में कोरोना मरीज पाए जाने पर इमारत को सील किया जा रहा है। देश में सबसे ज्यादा कोरोना टेस्टिंग के मामले में मुंबई दूसरे नंबर पर है। दस लाख की आबादी पर सर्वाधिक 24,799 कोरोना टेस्ट तमिलनाडु में हो रहे हैं। मुंबई में इतनी आबादी पर 21,766 टेस्ट हो रहे हैं। मुंबई में अब तक 2,91,700 लोगों का कोरोना टेस्ट हुआ है।
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