मुंबई और महाराष्ट्र की गलियों में इस बार ‘गोविंदा आला रे....’ के गीत नहीं गूँजेंगे। कोरोना संकट के चलते दही हांडी समन्वय समिति ने यह निर्णय लिया है कि इस बार यह उत्सव नहीं मनाया जाएगा। मुंबई के इतिहास में यह पहला साल होगा जब दही हांडी का उत्सव नहीं मन रहा होगा।
मुंबई के इतिहास में पहली बार दही हांडी उत्सव नहीं होगा
- महाराष्ट्र
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- 26 Jun, 2020

दही हांडी पर कोरोना का असर इतना ज़्यादा है कि इस बार मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में गोविंदा आला रे नहीं गूँजेगा। राज्य में पहली पार दही हांडी उत्सव नहीं होगा।
दरअसल, महाराष्ट्र में ‘फेस्टिवल सीजन’ की शुरुआत ही दही हांडी के साथ होती है। इसके बाद गणेशोत्सव, नवरात्र में खेला जाने वाला ‘डांडिया’ और फिर दीपावली का उत्सव मनाया जाता है। लेकिन कोरोना की वजह से सभी त्योहारों का रंग फीका ही रहने की आशंका बढ़ती जा रही है। दो दिन पहले ही गणेशोत्सव मंडलों ने भी ऐसा ही निर्णय लिया था कि इस बार वे सांकेतिक रूप से उत्सव मनायेंगे और वर्चुअल दर्शन की व्यवस्था करेंगे ताकि लोगों के जमावड़े को रोका जा सके। इसके चलते मुंबई के राजा नामक गणपति मंडल ने यह घोषणा भी कर दी कि इस बार मूर्ति की ऊँचाई 22 फुट की न होकर केवल ढाई फुट की ही रहेगी।