देशमुख ने विधान परिषद में यह ऐलान किया है। उन्होंने कहा, "पुलिस अफ़सर सचिन वझे को जाँच पूरी तक क्राइम ब्रांच से हटाया जाता है। विपक्ष की लगातार हो रही माँग के मद्देनज़र यह कदम उठाया गया है।"
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जाँच करेगी।
क्या है मामला?
बता दें कि 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास जिलेटिन लदी जो गाड़ी पाई गई थी, वह मनुख हिरेन की थी। पुलिस का कहना है कि मनसुख की गाड़ी 18 फरवरी को चुरा ली गई थी। लेकिन यह रहस्य तब और गहरा हो गया जब हिरेन की लाश थाणे के पास समुद्र में पाई गई।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने सचिन वझे के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग की थी। गृह मंत्री देशमुख ने कहा कि जाँच में वझे के दोषी पाए जाने पर उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि इसके पहले ही मनसुख हिरेन की मौत के मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया। एंटी टेररिस्ट स्क्वाड यानी एटीएस के बड़े अधिकारी का कहना है कि इस मामले में आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या, धारा 120 बी यानी आपराधिक साज़िश रचने और धारा 201 के तहत सुबूत मिटाने का केस मनसुख की पत्नी की शिकायत के बाद दर्ज किया गया है।
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एटीएस करेगा जाँच
महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को ही मनसुख हिरेन की मौत की जाँच एटीएस को सौंपने का ऐलान किया था। माना जाता है कि इस मामले को एटीएस को इसलिए जाँच सौंपी गई है क्योंकि इस मामले के पीछे आतंकियों का हाथ होने की आशंका है।
एटीएस के एक बड़े अधिकारी ने कहा था कि चूँकि इस मामले की जाँच मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट भी कर रही थी इसलिए सीआईयू से भी इस केस के तमाम कागजात और सबूत अपने कब्जे में ले लिए हैं। एटीएस ने इस मामले की जाँच करने के लिए तीन टीमों का गठन कर दिया है। इस जाँच की निगरानी एक डीसीपी स्तर का अधिकारी करेगा और समय-समय पर पूरी जानकारी एटीएस चीफ़ को देता रहेगा। स्कॉर्पियो गाड़ी से जिलेटिन की छड़ें मिली थीं और एक आतंकी संगठन ने इसकी ज़िम्मेदारी ली थी तो इस मामले की जांच आतंकी एंगल से भी की जाएगी।
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