महाराष्ट्र में सियासी संकट खड़ा करने वाले कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे की कुछ मांग सामने आई हैं। मीडिया के हवाले से आई खबरों के मुताबिक एकनाथ शिंदे चाहते हैं कि महाराष्ट्र में शिवसेना बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाए। उनकी दूसरी मांग है कि देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री और तीसरी मांग है कि उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया जाए।
शिंदे महा विकास आघाडी सरकार में नगरीय विकास और शहरी मामलों जैसा अहम मंत्रालय संभाल रहे हैं।
एकनाथ शिंदे शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं और पिछले 4 विधानसभा चुनाव लगातार जीतते आ रहे हैं।
महाराष्ट्र की सियासत से इस तरह की खबरें आ रही थीं कि एकनाथ शिंदे पार्टी में उन्हें नजरअंदाज किए जाने से बेहद नाराज थे और अंत में उन्होंंने यह बड़ा क़दम उठा लिया।
बीजेपी के साथ हुई डील?
शिंदे की इन तीन मांगों से यह समझ आता है कि उनकी बीजेपी के साथ डील हो चुकी है। महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में शिंदे को भावी मुख्यमंत्री बनाए जाने के पोस्टर इस साल फरवरी के महीने में लगे थे। इन पोस्टर्स से एकनाथ शिंदे की सियासी महत्वाकांक्षा सामने आई थी कि वह महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।
ताजा घटनाक्रम इस बात को बताता है कि बीजेपी ने उनकी सियासी महत्वाकांक्षा को पहचान लिया है और वह शिव सेना से बगावत करने के इनाम के रूप में उन्हें राज्य में उप मुख्यमंत्री बना सकती है।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक एकनाथ शिंदे के साथ सूरत के होटल में 26 विधायक मौजूद हैं। एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद एनसीपी और कांग्रेस के तमाम आला नेताओं ने भी अपने विधायकों को एकजुट करना शुरू कर दिया है। यह भी खबर है कि शिवसेना के प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने दो बड़े नेताओं मिलिंद नार्वेकर और रवि फाटाक को एकनाथ शिंदे से बात करने के लिए सूरत भेजा है।
एकनाथ शिंदे ठाणे में शिवसेना के सबसे बड़े नेता हैं और उन्होंने इस इलाके में पार्टी को मजबूत करने के लिए काफी काम किया है। उनके बेटे श्रीकांत शिंदे कल्याण सीट से शिवसेना के सांसद हैं।
उधर, शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि एकनाथ शिंदे उनके साथ हैं और सभी विधायक जल्द ही वापस लौट आएंगे।
संजय राउत ने कहा कि कुछ लोग अपने आपको किंग मेकर समझते हैं लेकिन वे लोग अपने मंसूबों में सफल नहीं होंगे। संजय राउत ने इस बात को स्वीकार किया है कि शिवसेना के कुछ विधायकों और एकनाथ शिंदे से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
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