महाराष्ट्र में लगातार सियासी तूफान बना हुआ है। शिवसेना के तीन और बागी विधायक असम के गुवाहाटी पहुंच गए हैं। एकनाथ शिंदे के गुट का कहना है कि इस वक्त उनके पास 48 विधायकों का समर्थन है जिनमें से 42 विधायक शिवसेना के हैं। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी मुंबई पहुंच गई हैं और उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेताओं से मुलाकात की है।
इस वक्त भले ही ठाकरे सरकार अल्पमत में दिखाई दे रही हो लेकिन स्थिति अभी तक पूरी तरह से साफ नहीं हो पाई है।
बुधवार रात को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपने सरकारी बंगले वर्षा को छोड़कर मातोश्री चले गए थे।
महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार इस वक्त मुश्किल में है और उसे मुश्किल में पहुंचाने वाला कोई और नहीं बाला साहब ठाकरे का वह शिवसैनिक ही है जिसने एक समय में शिवसेना को फर्श से अर्श तक ले जाने के लिए संघर्ष किया था।
सियासी संकट को लेकर मुंबई से लेकर गुवाहाटी तक बैठकों का दौर जारी है। एक ओर जहां एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मुंबई पहुंचकर महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की है।
सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी मुंबई होते हुए अमेरिका जा रही थीं लेकिन महाराष्ट्र में चल रहे घटनाक्रम के बारे में जानकारी लेने के लिए प्रियंका ने महाराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेताओं और कमलनाथ को एयरपोर्ट पर ही मिलने के लिए बुलाया था। हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने पहले ही महाराष्ट्र के हालात पर नजर रखने के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को मुंबई भेज दिया था।
कमलनाथ ने बुधवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात की थी। कमलनाथ की मुलाकात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से नहीं हो पाई थी क्योंकि उद्धव ठाकरे की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हालांकि बाद में दूसरी रिपोर्ट में उद्धव ठाकरे नेगेटिव पाए गए थे।
इस बीच एकनाथ शिंदे के बागी गुट का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। मुंबई से शिवसेना के तीन और विधायक गुवाहाटी पहुंच गए हैं। इस तरह से गुवाहाटी पहुंचे विधायकों का आंकड़ा अब 48 तक पहुंच गया है। एकनाथ शिंदे के करीबियों का कहना है कि इनमें से 42 विधायक शिवसेना के हैं जो इस वक्त होटल में मौजूद हैं।
ऐसी खबरें हैं कि एकनाथ शिंदे सभी बागी विधायकों से महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर आगे की रणनीति पर विचार करेंगे। सूत्रों का कहना है कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के राज्यपाल को इन सभी बागी विधायकों का एक संयुक्त पत्र भी सौंप सकते हैं।
दूसरी तरफ शिवसेना के बचे हुए विधायकों ने भी आगे की रणनीति पर विचार करने के लिए बैठक बुलाई है। इस बैठक में हालांकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शामिल नहीं होंगे।
ठाकरे इस्तीफा नहीं देंगे
शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र की स्थिति कैसी भी हो लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस्तीफा नहीं देंगे। राउत का कहना है कि अगर जरूरत पड़ेगी तो वह विधानसभा में बहुमत हासिल करके दिखाएंगे।
जिस तरह से एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 42 विधायकों के समर्थन का दावा किया है इससे साफ हो गया है कि एकनाथ शिंदे के पास इस वक्त दो तिहाई से भी ज्यादा का बहुमत है और ऐसे में अगर शिंदे पार्टी छोड़कर अपना दूसरा दल बनाते हैं तो फिर उन पर दल बदल कानून लागू नहीं होगा। हालांकि एकनाथ शिंदे ने अभी तक इस तरह का कोई एलान नहीं किया है।
वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी अभी भी वेट एंड वॉच की स्थिति में है और हालात पर नजर बनाए हुए है।
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