महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों के बगावत करने के बाद शुरू हुए सियासी संकट के ख़त्म होने का इंतजार सभी को है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बागी विधायकों को डिप्टी स्पीकर के नोटिस का जवाब देने की समय सीमा बढ़ाए जाने के बाद उद्धव ठाकरे सरकार का अगला क़दम क्या होगा? क्या सरकार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को लेकर आगे बढ़ेगी?
खबरों के मुताबिक, राज्यपाल भी इस मामले में फ्लोर टेस्ट को लेकर कोई आदेश दे सकते हैं।
न्यूज़ 18 के मुताबिक, ऐसी संभावना है कि उद्धव ठाकरे सरकार 11 जुलाई से पहले कभी भी फ्लोर टेस्ट करा सकती है। महाराष्ट्र के सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होनी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई तक महाराष्ट्र विधानसभा में किसी तरह के फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने वाली महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर भी कोई आदेश नहीं दिया है।
सवाल यह है कि क्या बीजेपी या फिर एकनाथ शिंदे की ओर से फ्लोर टेस्ट की मांग की जा सकती है या फिर राज्यपाल ही इस दिशा में कोई कदम उठाएंगे।
विलय का सवाल
एक सवाल यह भी है कि क्या शिंदे गुट को बीजेपी या किसी अन्य राजनीतिक दल में विलय करना ही होगा या नहीं। इसके साथ ही असली शिवसेना किसकी है और किसके पास है, इसकी भी चल रही है।
इस तरह की भी खबर है कि एकनाथ शिंदे जल्द ही राज्यपाल से मिल सकते हैं और विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे का दो-तीन दिन ही विपक्ष में रहने का जो बयान आया है उससे पता चलता है कि शिंदे गुट महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना सकता है।
उधर, शिंदे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका में कहा गया है कि बागी विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और इस तरह सरकार अल्पमत में आ गई है। ऐसे में फ्लोर टेस्ट की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो क्या उद्धव ठाकरे सरकार बहुमत साबित कर पाएगी। ऐसा होना मुश्किल दिखता है क्योंकि एकनाथ शिंदे का दावा है कि शिवसेना के 40 और 10 निर्दलीय विधायक गुवाहाटी में मौजूद हैं।
अपनी राय बतायें