मुंबई और महाराष्ट्र में कई जगहों पर शिवसेना के बागी विधायकों का विरोध होने के बाद कुछ अन्य शिवसैनिक मैदान में उतर आए हैं। इन शिवसैनिकों ने मांग की है कि शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को महा विकास आघाडी गठबंधन से बाहर निकलना चाहिए। शिवसैनिकों ने शनिवार को कुछ जगहों पर प्रदर्शन किया और अपनी मांग को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने रखा।
इन शिवसैनिकों के फोटो और वीडियो को बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया है।
बता दें कि एकनाथ शिंदे और बागी विधायक लगातार यह मांग करते रहे हैं कि शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ देना चाहिए और बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनानी चाहिए।
उनकी इस मांग के बाद शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा था कि अगर बागी विधायक 24 घंटे के अंदर मुंबई लौटते हैं तो उनकी मांग पर विचार किया जा सकता है। लेकिन बागी विधायक तय अवधि में मुंबई नहीं लौटे।
आघाडी तोड़ो के नारे लगाए
शिवसैनिकों ने बुलढाणा विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को विधायक संजय गायकवाड के समर्थन में प्रदर्शन किया और शिवसेना के महा विकास आघाडी से बाहर निकलने की मांग उठाई। शिव सैनिकों ने आरोप लगाया कि एनसीपी शिव सेना को बर्बाद कर रही है। शिवसैनिकों ने इस दौरान आघाडी तोड़ो के नारे भी लगाए।
शिव सैनिकों की इस मांग के दूसरी ओर कांग्रेस और एनसीपी ने कहा है कि वे उद्धव ठाकरे सरकार के साथ पूरी मजबूती के साथ डटे रहेंगे।
लेकिन महाराष्ट्र में चल रहा यह सियासी संघर्ष अब काफी आगे बढ़ चुका है और एकनाथ शिंदे गुट ने अपनी नई पार्टी बनाने का एलान कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस पार्टी का नाम बालासाहेब शिवसेना रखा जाएगा।
लेकिन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में हुई शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि कोई और बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता। इस मामले में शिवसेना ने चुनाव आयोग जाने की भी बात कही है।
शिवसैनिकों का हमला
उधर, महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में शिवसैनिक बागी विधायकों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके ऑफिसों पर भी हमला कर रहे हैं।
शनिवार को शिवसैनिकों ने पुणे में बागी विधायक तानाजी सावंत के दफ्तर पर हमला कर दिया। तानाजी सावंत इस वक्त अन्य बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी के होटल में मौजूद हैं।
शुक्रवार को भी शिवसेना के बागी विधायक मंगेश कुदालकर के दफ्तर पर शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की थी और एकनाथ शिंदे के पोस्टर पर काली स्याही फेंकी थी। कुछ लोगों ने पोस्टर पर चप्पल और जूते भी फेंके थे। कोल्हापुर से भी विरोध प्रदर्शन किया गया था।
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