महाराष्ट्र सरकार मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सोमवार को सर्वदलीय बैठक करने जा रही है। कांग्रेस की राज्य इकाई ने कहा कि अगर भाजपा आरक्षण मुद्दे के समाधान को लेकर गंभीर है तो सीएम को नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।
महाराष्ट्र सरकार की सर्वदलीय बैठक की जानकारी उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दी। मराठा कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ने शनिवार को आरक्षण मुद्दे पर सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाएगा, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी और उनके खिलाफ मामले दर्ज मामले वापस होंगे।
ताजा ख़बरें
अजीत पवार ने रविवार को पुणे में कहा कि “हमने कार्यकर्ता की भूख हड़ताल को समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए हैं। मंत्री गिरीश महाजन समेत सरकार के प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की, लेकिन उन्होंने अनशन खत्म करने से इनकार कर दिया। हमारे अब तक के सभी प्रयास विफल रहे हैं...सोमवार को सरकार आरक्षण मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की योजना बना रही है।''
उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा, ''हम सर्वदलीय बैठक बुलाने के कदम का स्वागत करते हैं, लेकिन अगर उनकी सरकार गंभीरता से इस मुद्दे को हल करने का इरादा रखती है तो ऐसी बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलानी चाहिए। सर्वदलीय बैठक के बाद 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा को खत्म करने के लिए एक विधेयक लाया जाना चाहिए ताकि विशेष संसद सत्र के दौरान मराठा समुदाय को कोटा मिल सके...आरक्षण सीमा बढ़ाने की जरूरत है।
लोंधे ने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी राजनीतिक खेल खेल रही है। उन्होंने कहा, “भाजपा कोटा सीमा बढ़ाना नहीं चाहती है। वह मराठों को ओबीसी के खिलाफ खड़ा करना चाहती है। यह दो समुदायों के बीच कड़वाहट से लाभ उठाने की भाजपा की चाल है। साथ ही सरकार ने रोहिणी आयोग के बारे में भी कुछ स्पष्ट नहीं किया है।''
महाराष्ट्र से और खबरें
हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि कांग्रेस इस बैठक में भाग लेगी या नहीं। कांग्रेस का इस बैठक में भाग लेने के बारे में फैसला अंतिम समय में लिया जाएगा।
अपनी राय बतायें