महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को सरकार बनाने का न्यौता दिया है। कोश्यारी ने शिवसेना के विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे से पूछा है कि क्या वह सरकार बनाने के लिये तैयार हैं। शिवसेना राज्य में दूसरा बड़ा राजनीतिक दल है। शनिवार को राज्यपाल ने बीजेपी को राज्य में सरकार बनाने का निमंत्रण दिया था। लेकिन रविवार को दिन भर पार्टी नेताओं के साथ बैठक करने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल से मुलाक़ात की थी और उन्हें बताया था कि बीजेपी राज्य में सरकार बनाने में सक्षम नहीं है।
Office of Maharashtra Governor: Governor Bhagat Singh Koshyari today asked the leader of elected members of the second largest party, the Shiv Sena, Eknath Shinde to indicate the willingness and ability of his party to form the government in Maharashtra. pic.twitter.com/bdfKgHPj45
— ANI (@ANI) November 10, 2019
Mumbai: Aaditya Thackeray and other Shiv Sena leaders arrive at Matoshree (Thackeray residence). #Maharashtra pic.twitter.com/EbGuZhM4oG
— ANI (@ANI) November 10, 2019
Nawab Malik, NCP: We have called a meeting of our MLAs on Nov 12. If Shiv Sena wants our support,they will have to declare that they have no relation with BJP&they should pull out from National Democratic Alliance (NDA). All their ministers will have to resign from Union Cabinet. https://t.co/iABYpebRTU
— ANI (@ANI) November 10, 2019
महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना मुख्यमंत्री पद की कुर्सी को लेकर अड़ी हुई है। शिवसेना कहती रही है कि लोकसभा चुनाव के दौरान उसका बीजेपी के साथ 50:50 का फ़ॉर्मूला तय हुआ था। शिवसेना के मुताबिक़, इस फ़ॉर्मूले के तहत मुख्यमंत्री का पद दोनों पार्टियों के पास ढाई-ढाई साल के लिये रहेगा। लेकिन बीजेपी मुख्यमंत्री पद के बंटवारे के लिये तैयार नहीं हुई और अंतत: बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने में अपनी अक्षमता ज़ाहिर कर दी।
महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना बीजेपी पर ख़ासी हमलावर रही है। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के ताज़ा संपादकीय में एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला गया।
शिवसेना ने रविवार को बीजेपी की तुलना हिटलर से की है। शिवसेना ने कहा है कि महाराष्ट्र दिल्ली का ग़ुलाम नहीं है। इससे पहले भी शिवसेना की ओर से कहा जा चुका है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी का फ़ैसला महाराष्ट्र में होगा न कि दिल्ली से।
‘सामना’ में शिवसेना ने कहा है कि दूसरों को डराने की चालों के बाद भी बीजेपी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और अब एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए। शिवसेना का इशारा चुनाव से पहले दल-बदल कर बीजेपी में शामिल हुए नेताओं की ओर हो सकता है। क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी संख्या में दूसरे दलों के नेता बीजेपी में शामिल हुए थे और यह कहा गया था कि इनमें से कई नेताओं को जाँच एजेंसियों के द्वारा कथित रूप से डराया गया।
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