महाराष्ट्र में संक्रमण के नये मामले रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गए हैं। शनिवार को एक दिन में 27 हज़ार 126 मामले दर्ज किए गए। राज्य में जब से कोरोना संक्रमण फैला है तब से इतना ज़्यादा संक्रमण के मामले नहीं आए थे। इससे पहले सबसे ज़्यादा 25 हज़ार 833 मामले गुरुवार को आए थे। यह संक्रमण की दूसरी लहर है। पहली लहर के दौरान एक दिन में सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले पिछले साल 11 सितंबर को आए थे और तब 24 हज़ार 886 संक्रमण के मामले रिकॉर्ड किए गए थे।
राज्य में शनिवार को एक दिन में 92 लोगों की मौत हो गई। अब तक 53 हज़ार 300 कोरोना संक्रमितों की जानें गई हैं। राज्य में कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामले अब 1.91 लाख हो गए हैं। पिछले 20 दिनों में सक्रिय मामलों में साढ़े चार गुणा बढ़ोतरी हुई है।
महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा पुणे में 3200 संक्रमण के मामले शनिवार को दर्ज किए गए। इसके बाद मुंबई में 2983 संक्रमण के मामले आए, नागपुर में 2873, पिंपरी चिंचवाड़ में 1468, नाशिक में 1196 और औरंगाबाद शहर में 1019 मामले दर्ज किए गए। मुंबई में शनिवार को 7 लोगों की मौत हुई और शहर में अब तक 11 हज़ार 576 लोगों की मौत हो चुकी है।
पूरे राज्य में अब तक 24 लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ चुके हैं। महाराष्ट्र ही देश में सबसे ज़्यादा संक्रमित राज्य है। जब पहली लहर आई थी तब भी सबसे ज़्यादा महाराष्ट्र में ही संक्रमण के मामले आए थे। अब दूसरी लहर भी महाराष्ट्र में ही है और संक्रमण पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ी से फैल रहा है।
आदित्य ठाकरे कोरोना संक्रमित
On having mild symptoms of COVID, I had myself tested and I am COVID positive. I request everyone who came in contact with me to get themselves tested.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) March 20, 2021
I urge everyone to realise that it is extremely important to not let your guard down. Please follow COVID protocols & stay safe
अधिकारी अब कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर यह पता लगाएँगे कि उनके संपर्क में पिछले दिनों कौन कौन लोग आए हैं। आदित्य ने शुक्रवार को बीएमसी के कई अधिकारियों से मुलाक़ात की थी। बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा है कि आदित्य के पिता और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी क्वारंटीन होने के लिए कहा जा सकता है।
महाराष्ट्र में सख्ती लौटी
कोरोना को लेकर महाराष्ट्र में फिर से सख़्ती लौट आई है। सरकार ने शुक्रवार को ही इसकी घोषणा की है। सभी कार्यालय, थिएयर, ऑडिटोरियम में अब क्षमता के आधा ही काम करने की इजाजत होगी। यह सख्ती 31 मार्च तक लागू होगी। सख्ती इसलिए कि कोरोना राज्य में बेकाबू हो गया लगता है। राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों में अनपेक्षित उछाल दिखा है।
इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कई बार चेतावनी दे चुके थे। उन्होंने पिछले हफ़्ते राज्य में होटल और रेस्तरां को आदेश दिया था कि वे कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें और लॉकडाउन जैसे कठोर उपायों को लागू करने के लिए मजबूर न करें।
इसने यह भी कहा है कि सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों को कर्मचारियों की उपस्थिति पर ख़ुद से निर्णय लेने की अनुमति दी गई है। हालाँकि, विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े कार्यालयों को अभी भी कम कर्मचारियों के साथ काम करना होगा।
सरकार ने कहा है कि उत्पादन ईकाइयों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के उद्देश्य से विनिर्माण ईकाइयों को ज़्यादा शिफ़्ट में काम करने की अनुमति दी जा सकती है। सरकार ने कहा कि सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए गए किसी भी इकाई को तब तक बंद करना होगा जब तक कि सरकार उसे खोलने की अनुमति नहीं दे।
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