मुंबई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को कहा है कि गिरफ़्तार राकांपा नेता- नवाब मलिक और अनिल देशमुख राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं डाल सकते हैं। अदालत ने दोनों नेताओं द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया। उनमें राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए शुक्रवार को विधानसभा जाने की अनुमति मांगी गई थी।
मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार नवाब मलिक और देशमुख दोनों ने राज्य की छह सीटों पर आगामी राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के लिए एक दिन की जमानत की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। दोनों अब हाईकोर्ट जा सकते हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के वकील ने आदेश की प्रमाणित प्रति जल्द से जल्द मांगी है ताकि वे आज उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकें।
कोर्ट का यह फ़ैसला मतदान से एक दिन पहले आया है। इस चुनाव में हर वोट काफी मायने रखता है। महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीटों पर 10 जून को चुनाव होने हैं। राज्य की 6 राज्यसभा सीटों के लिए 7 उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से माहौल गरमा गया है।
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के 105 विधायक हैं। जिनमें से दो राज्यसभा सांसद तो आराम से चुने जा सकते हैं। राज्य में राज्यसभा सांसद को चुनने के लिए 42 वोटों की ज़रूरत है। इस हिसाब से बीजेपी के पास दो सांसद चुनने के बाद कुल 21 वोट बचते हैं। अगर बीजेपी निर्दलीय विधायकों और कुछ छोटी पार्टियों को अपने खेमे में कर लेती है तो फिर बीजेपी की तीसरी सीट निकल सकती है। ऐसा ही कुछ शिवसेना भी करना चाहेगी।
शिवसेना को एक उम्मीदवार चुनने के बाद 27 वोटों की ज़रूरत पड़ेगी जिसमें उसे कांग्रेस, एनसीपी और निर्दलीय विधायकों को इकट्ठा करना होगा।
शिवसेना ने दो उम्मीदवार संजय राउत, संजय पवार को उतारा है। बीजेपी ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं- पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और धनंजय महादिक। एनसीपी और कांग्रेस ने एक-एक उम्मीदवार प्रफुल्ल पटेल और इमरान प्रतापगढ़ी को नामित किया है।
ऐसी ही स्थिति में महाविकास अघाडी के लिए एनसीपी के इन दो नेताओं के वोट काफी मायने रखते हैं। बता दें कि महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं। राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख भी इसी तरह के आरोपों में जेल में हैं।
अदालत में दायर अपनी याचिका में नवाब मलिक ने बताया था कि वह एक निर्वाचित विधायक हैं और राज्यसभा के लिए एक प्रतिनिधि चुनने में अपने निर्वाचन क्षेत्र के निवासियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं।
राज्यसभा के इस चुनाव में छोटे दल और निर्दलीय के 29 विधायक एक बड़ी भूमिका निभाएंगे। राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों को जीताने के लिए विधायकों को अपने पाले में करने की कसरत कर रहे हैं। विधायकों की तोड़फोड़ की आशंका के मद्देनज़र उन्हें होटलों में ठहराया गया है।
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