कोरोना वायरस फैलने से महाराष्ट्र में संकट अब गहरा गया है। सरकार ने इस वायरस को नियंत्रित करने के लिए चार शहरों में लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। यानी इन शहरों में अब सभी सेवाएँ बंद रहेंगी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई और आस-पास के उपनगरों के अलावा पुणे, पिंपरी-चिंचवड़, नागपुर में आज से ही ऐसी पाबंदी की घोषणा की। राशन और मेडिकल स्टोर जैसे ज़रूरी सामान वाले शॉप ही खुले रहेंगे। इसके अलावा सभी दुकानें भी बंद रखी जाएँगी। सरकारी कार्यालयों में 25% कर्मचारियों के अलावा सभी निजी कार्यालय अब 31 मार्च तक बंद रखे जाएँगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास इस वायरस से लड़ने के लिए दूसरा कोई शस्त्र नहीं है। यह वायरस नहीं फैले इसलिए लोग घरों में ज़्यादा से ज़्यादा रहें। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह छुट्टी घूमने-फिरने के लिए नहीं दी है, यह बीमारी से लड़ने के लिए एक उपाय है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी यदि उपनगरीय रेल और बसों में भीड़ नहीं कम हुई तो इन्हें भी बंद किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री की इस घोषणा से पहले सरकार द्वारा बार-बार इसकी अपील की गई कि निजी कंपनियाँ आधे कर्मचारियों से घर से काम कराएँ। इसके बावजूद जिन कंपनियों ने अपने 50% कर्मचारियों को घर से कार्य करने की बजाय ऑफ़िस बुलाना जारी रखा वैसी कई आईटी क्षेत्र की कंपनियों में शुक्रवार सुबह से ही रेड की ख़बरें मिल रही हैं। नवी मुंबई के ऐरोली क्षेत्र में ऐसे ही एक आईटी पार्क में रेड हुई जहाँ क़रीब 40 हज़ार कर्मचारी कार्यरत थे। मीरा भाइंदर क्षेत्र में भी एक कॉल सेंटर पर स्थानीय नगरसेविका की उपस्थिति में महानगरपालिका के अधिकारियों ने रेड की और कर्मचारियों को घर भेज दिया। मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में रेस्टोरेंट और होटल बंद करा दिए गए हैं। सरकार ने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और कंपनियों से अपील की है कि वे यदि दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करेंगे तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं सरकार की तरफ़ से राज्य के प्रधान सचिव डॉ. प्रदीप व्यास ने एक पत्र जारी कर सभी सरकारी कार्यालयों को निर्देश दिया है कि वे एसी (एयर कंडीशनर) का इस्तेमाल या तो बंद कर दें या उसका कम से कम इस्तेमाल करें। पत्र में कहा गया है कि एसी की वजह से यह वायरस ज़्यादा समय तक जीवित रहता है।
मुंबई से सटे ठाणे में व्यापारी संगठनों ने आज से तीन दिन के लिए मुख्य बाज़ार बंद कर दिए हैं। 25 मार्च को हिन्दू संवत्सर के नए वर्ष को महाराष्ट्र में गुडी पाडवा के रूप में प्रमुखता से मनाया जाता है लेकिन कोरोना को लेकर जो हालात बने हैं उसकी वजह से इस बार कोई बड़ा आयोजन या शोभायात्रा नहीं निकाली जा रही। हालाँकि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मुंबई में नागरिकों का साथ सरकार को बड़े पैमाने पर मिलता नज़र आ रहा है। शहर में उपनगरीय रेल सेवा के साथ-साथ बसों में भी बड़े पैमाने पर लोगों की आवाजाही कम हुई है। गुरुवार को उपनगरीय रेलों में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में क़रीब 40 लाख तथा बसों में यात्रा करने वालों की संख्या में क़रीब 10 लाख यात्रियों की कमी आयी।
इस वायरस से लड़ने के लिए लोगों का यह सकारात्मक रुख सरकार को तसल्ली देने वाला है लेकिन क्या यही प्रयास काफ़ी हैं, इससे लड़ने के लिए यह सबसे बड़ा सवाल है। मुंबई और महाराष्ट्र में जिस तरह से ये आँकड़े बढ़ते जा रहे हैं उसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। और उसी को देखते हुए सरकार ने यह क़दम उठाया है।
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