महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन की समस्याओं से जूझने के बीच, अमित शाह ने सोमवार को गठबंधन को बचाने के लिए महत्वपूर्ण कोशिश की। केंद्रीय गृह मंत्री ने रविवार देर रात भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की और इसके बाद दिल्ली रवाना होने से पहले सोमवार को मुंबई हवाईअड्डे पर सहयोगी दलों शिवसेना और एनसीपी के साथ बातचीत की।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक अमित शाह ने पार्टी की कोर कमेटी के सदस्यों को संदेश दिया कि वे कमर कस लें और आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 125 सीटें जीतने की दिशा में काम करें। उन्होंने साझेदार एकनाथ शिंदे और अजित पवार सीटों की अच्छी हिस्सेदारी का आश्वासन दिया है।
हवाईअड्डे पर हुई बैठक में जनता के बीच महायुति के बढ़ते मतभेद का सार्वजनिक होना मुख्य मुद्दा था। बैठक में शाह, सेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और एनसीपी अध्यक्ष पवार के अलावा, भाजपा के देवेंद्र फडणवीस और वरिष्ठ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल मौजूद थे। भाजपा के चुनाव प्रबंधकों ने कहा कि पार्टी महायुति गठबंधन के हिस्से के रूप में महाराष्ट्र की कुल 288 सीटों में से 125 सीटें जीतने के लक्ष्य के साथ 150 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है। शुरुआती आकलन यह है कि पार्टी 50 विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत स्थिति में है। इसका मतलब है कि बाकी 75 सीटों पर उसे अपनी कोशिशें दोगुनी करनी होंगी।
दोनों साझेदारों के बारे में भाजपा नेताओं ने कहा कि जहां शिवसेना को 75 से 80 सीटें मिलने की संभावना है, वहीं एनसीपी को 55-60 सीटें मिलेंगी। यह कमोबेश उस मांग से मेल खा रही है, जिसमें शिवसेना और एनसीपी ने इसी के आसपास सीटें मांगी थीं।
सूत्रों ने कहा कि अमित शाह ने सभी नेताओं से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महायुति को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करते हुए अपने कार्यों के प्रति सचेत रहने और सार्वजनिक मंचों पर मतभेदों को उजागर करने से बचने का आग्रह किया।
एनसीपी के प्रदेश प्रमुख सुनील तटकरे ने इसे "बहुत अच्छी बैठक" बताते हुए, कहा: "हमें भरोसा दिया गया कि सभी महायुति घटकों को सम्मानजनक संख्या में सीटें मिलेंगी, और हर मुद्दे को पर्याप्त रूप से संबोधित किया जाएगा।"
अमित शाह रविवार शाम को मुंबई पहुंचे थे। अपनी संक्षिप्त यात्रा के दौरान उन्होंने गणेश चतुर्थी उत्सव में भी हिस्सा लिया और परेल में लालबागचा राजा के अलावा अन्य स्थानों पर भी दर्शन किए। जबकि फडणवीस और शिंदे पूरे समय शाह के साथ मौजूद थे, पवार केवल हवाई अड्डे पर उनके साथ शामिल हुए। एनसीपी नेताओं ने कहा कि वह गणेश चतुर्थी के साथ बारामती में व्यस्त थे। शाह ने इस दौरान भाजपा कोर कमेटी की बैठक ली। इसमें भाजपा के चुनिन्दा क्षेत्रीय नेता बुलाये गये थे।
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद से महायुति में उठापटक चल रही है। राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने जिन 28 सीटों पर चुनाव लड़ा था उनमें से केवल नौ पर जीत हासिल की थी, जबकि शिवसेना ने 15 में से सात सीटों पर जीत हासिल की थी और एनसीपी ने तीन में से एक सीट पर जीत हासिल की थी। प्रतिद्वंद्वी महा विकास अघाड़ी गठबंधन ने 30 सीटें जीतीं। 2019 के विधानसभा चुनाव की स्थिति भिन्न थी। उस समय भाजपा अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन में थी, उसने कुल 164 सीटों में से 105 सीटों पर जीत हासिल की थी। शिंदे जिस शिवसेना का नेतृत्व कर रहे हैं, उसके पास 40 मौजूदा विधायक हैं, जबकि अजित पवार की एनसीपी के पास 42 मौजूदा विधायक हैं। 2019 में अविभाजित शिव सेना ने 56 सीटें और अविभाजित एनसीपी ने 54 सीटें जीती थीं।
अपनी राय बतायें