महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीख़ें आने वाले कुछ दिन में घोषित हो जाएँगी, लेकिन इस बार चुनावी चक्रव्यूह कैसा रहेगा? दलबदल का ‘खेल’ चलने से यह तय करना मुश्किल है कि चुनाव में विपक्ष किस रूप में खड़ा मिलेगा? पहले राजनीतिक पार्टियाँ अपनी नीतियों और कामकाज को लेकर चुनाव लड़ती रही थीं, लेकिन यहाँ जो चल रहा है उससे तो यही लग रहा है कि दूसरी पार्टियों के जिताऊ नेता को अपनी पार्टी में शामिल कर लो और चुनाव जीत जाओ। शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के जितने क्षत्रप तैयार किए थे वे सभी एक-एक कर उन्हें छोड़ सत्ताधारी बीजेपी और शिवसेना में जा चुके हैं। अजित पवार के साले पूर्व सांसद पद्मसिंह पाटिल के पुत्र राणा जगतजीत सिंह भी बीजेपी में चले गए। कांग्रेस -राष्ट्रवादी कांग्रेस के कई और नेता अपना सामान बाँध कर तैयार बैठे हैं।