लोकसभा के चौथे चरण में उत्तर महाराष्ट्र, पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा की 11 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। 13 मई को ही मतदान है तो अब राजनीतिक दलों के पास चुनाव-प्रचार के लिए ज़्यादा वक़्त भी नहीं है। कहा जा रहा है कि बीजेपी के लिए तो इस बार राज्य के चुनाव में बढ़िया प्रदर्शन के लिए काफी कुछ दाँव पर लगा है। खासकर, शिवसेना और एनसीपी में टूट और अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल जैसे नेताओं के एनडीए की तरफ़ होने के बाद। तो सवाल है कि क्या बीजेपी के लिए स्थितियाँ अनुकूल हैं या फिर चिंताएँ बढ़ गई हैं?