loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

जीत

हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट

जीत

महाराष्ट्र में चौथे चरण में 11 सीटों पर मतदान, जानें कैसी है टक्कर

लोकसभा के चौथे चरण में उत्तर महाराष्ट्र, पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा की 11 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। 13 मई को ही मतदान है तो अब राजनीतिक दलों के पास चुनाव-प्रचार के लिए ज़्यादा वक़्त भी नहीं है। कहा जा रहा है कि बीजेपी के लिए तो इस बार राज्य के चुनाव में बढ़िया प्रदर्शन के लिए काफी कुछ दाँव पर लगा है। खासकर, शिवसेना और एनसीपी में टूट और अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल जैसे नेताओं के एनडीए की तरफ़ होने के बाद। तो सवाल है कि क्या बीजेपी के लिए स्थितियाँ अनुकूल हैं या फिर चिंताएँ बढ़ गई हैं?

चौथे चरण में जिन सीटों पर चुनाव होने हैं, वहाँ की स्थिति क्या है, इसको शरद पवार के एक बयान से भी समझा सकता है। एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने एक दिन पहले ही कहा है कि एनडीए महाराष्ट्र में अपने प्रदर्शन को लेकर अनिश्चित है और इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैलियों को संबोधित करने के लिए लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में चुनाव को पांच चरणों में बढ़ा दिया है ताकि मोदी को प्रचार के लिए पर्याप्त समय मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राज्य में जितनी रैलियां कर रहे हैं, वह काफी आश्चर्यजनक है।

ताज़ा ख़बरें

तो क्या ज़मीन पर स्थिति ऐसी है कि शिवसेना और एनसीपी जैसी पार्टियों में दो फाड़ होने के बावजूद बीजेपी को काफी पसीना बहाना पड़ रहा है? 

जानिए, किन सीटों पर कैसी स्थिति

13 मई को जिन 11 सीटों पर चुनाव होने होने हैं उनमें से 7 सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ेगी, जबकि सहयोगी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना 3 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी एक सीट पर चुनाव लड़ेंगी।

विपक्षी एमवीए गठबंधन (इंडिया गठबंधन) की ओर से कांग्रेस तीन सीटों पर, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना चार सीटों पर और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी-एसपी चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

loksabha polls fourth phase maharashtra 11 seat nda vs mva - Satya Hindi
इस चरण में नंदुरबार, जलगांव, रावेर, जालना, छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद), मावल, पुणे, शिरूर, अहमदनगर, शिरडी और बीड में चुनाव होने हैं।

जालना का चुनाव दिलचस्प

जालना 2023 में मराठा आंदोलन का केंद्र रहा। यह सीट 1996 से भाजपा के पास है। ऐसे में कहा जा सकता है कि यह क्षेत्र बीजेपी का गढ़ है। पांच बार के लोकसभा सांसद रावसाहेब दानवे अपने छठे कार्यकाल के लिए प्रयास कर रहे हैं और उन्हें चुनौती कांग्रेस के कल्याण काले दे रहे हैं। 

पहले तो कहा जा रहा था कि इस सीट पर मुक़ाबला एकतरफा होने की संभावना है, लेकिन उसी मराठा आंदोलन ने अब इस सीट पर मुक़ाबला रोचक बना दिया है। कहा जा रहा है कि मराठा आरक्षण को लेकर जिस तरह की स्थितियाँ बनी है उससे सत्तारूढ़ पक्ष के खिलाफ मराठा लोगों में ग़ुस्सा है और इसी वजह से मुक़ाबला अब काँटे का होना बताया जा रहा है। 

महाराष्ट्र से और ख़बरें

छत्रपति संभाजीनगर में इस बार त्रिकोणीय मुक़ाबला है। यहाँ पर पिछले लोकसभा चुनाव में चौंकाने वाला नतीजा आया था। 2019 में एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील जीते थे। उनकी जीत तब हुई थी जब शिवसेना अविभाजित थी और इसके चार बार के सांसद चंद्रकांत खैरे हार गए थे। इस सीट से इम्तियाज जलील अपने दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। चंद्रकांत खैरे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से चुनाव लड़ रहे हैं। राज्य के मंत्री और विधायक संदुपन भुमरे इस दौड़ में शिंदे वाली शिवसेना के तीसरे प्रमुख उम्मीदवार हैं।

क्या पारंपरिक गढ़ नंदुरबार को जीत पाएगी कांग्रेस?

नंदुरबार (एसटी) सीट है। यह कांग्रेस का पारंपरिक गढ़ रही है। लेकिन 2014 में और फिर 2019 में भाजपा की डॉ. हीना गावित ने जीता था। इस बार पूर्व मंत्री और विधायक केसी पडवी के बेटे वकील गोवाल पडवी कांग्रेस की ओर से बीजेपी की डॉ. गावित से मुकाबला करेंगे। हीना राज्य सरकार में मंत्री विजयकुमार गावित की बेटी हैं। गुजरात सीमा पर स्थित इस आदिवासी बहुल जिले से जिले के दो शीर्ष नेताओं के बेटे एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।

पुणे में भी रोचक मुक़ाबला होने वाला है। यहाँ तीनों उम्मीदवार पहली बार सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं, हालाँकि वे जाने-माने राजनेता रहे हैं।

बीजेपी ने पुणे के पूर्व मेयर मुरलीधर मोहोल को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने अपने नए-नवेले स्टार विधायक रवींद्र धांगेकर को टिकट दिया है। पूर्व मनसे नेता वसंत मोरे वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) से चुनाव लड़ेंगे। यहाँ से कांग्रेस आखिरी बार 2009 में जीती थी जब सुरेश कलमाड़ी ने बीजेपी के अनिल शिरोले को हराया था। 2019 में भाजपा के दिवंगत गिरीश बापट जीते थे। पद पर रहते हुए उनके निधन के बावजूद कोई उपचुनाव नहीं हुआ।

पंकजा मुंडे का गढ़

बीड को बीजेपी नेता पंकजा मुंडे का गढ़ माना जाता है। यहाँ से इस बार भाजपा की पंकजा मुंडे अपनी बहन और मौजूदा सांसद प्रीतम मुंडे की जगह ले रही हैं। उनका सामना एनसीपी-एसपी के बजरंग सोनवणे से होगा। मुंडे परिवार 2009 से यह सीट जीतता आ रहा है। सोनवणे ने 2019 में भी मुंडे को चुनौती दी थी। कहा जा रहा है कि इस बार मुक़ाबला काँटे का है और पंकजा मुंडे के लिए राह असान नहीं है।

loksabha polls fourth phase maharashtra 11 seat nda vs mva - Satya Hindi

जलगाँव में बीजेपी ने टिकट काटा

भाजपा के पारंपरिक गढ़ जलगांव में तब राजनीतिक उथल-पुथल मच गई थी जब भाजपा ने निवर्तमान उन्मेश पाटिल को टिकट देने से इनकार कर दिया था। पूर्व विधायक स्मिता वाघ को टिकट दिया गया। पाटिल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना में शामिल हो गए। हालाँकि, उन्होंने उद्धव की शिवसेना के उम्मीदवार करण पवार को समर्थन दे दिया। यह पहली बार है कि ये दोनों पार्टियां जलगांव से एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। 

रावेर से भाजपा ने अपनी मौजूदा सांसद रक्षा खडसे को बरकरार रखा है। वह एनसीपी नेता एकनाथ खडसे की बहू हैं। एनसीपी-एसपी ने उद्योगपति श्रीराम पाटिल को टिकट दिया है। यह सीट भाजपा का पारंपरिक गढ़ रही है। 

पश्चिमी महाराष्ट्र में मावल का गठन 2009 में परिसीमन प्रक्रिया के बाद किया गया था और तब से शिवसेना इस सीट पर जीत हासिल कर रही है। शिवसेना के निवर्तमान श्रीरंग बार्ने अपनी हैट्रिक के लिए चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के संजोग वाघेरे चुनौती दे रहे हैं। 

ख़ास ख़बरें

परिसीमन के बाद 2009 में अस्तित्व में आई पश्चिमी महाराष्ट्र की शिरुर सीट पर दो बार शिवसेना के शिवाजीराव अधलराव-पाटिल और 2019 में एनसीपी के अमोल कोल्हे ने जीत हासिल की। कोल्हे इस बार शरद पवार के खेमे से चुनाव लड़ रहे हैं। अधलराव-पाटिल अपनी पार्टी बदलकर अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हो गए और इस बार कोल्हे के ख़िलाफ़ वही उम्मीदवार हैं।

बीजेपी अहमदनगर सीट पर लगातार तीन बार जीत हासिल की है और मौजूदा सांसद सुजय विखे-पाटिल को पार्टी ने एक बार फिर से टिकट दिया है। उनका मुकाबला करने के लिए शरद पवार की एनसीपी-एसपी ने विधायक नीलेश लंके को मैदान में उतारा है।

शिरडी (एससी) सीट 2009 में परिसीमन प्रक्रिया के बाद अस्तित्व में आई और तब से शिवसेना इस सीट पर जीत हासिल कर रही है। निवर्तमान सदाशिव लोखंडे शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके ख़िलाफ़ पूर्व सांसद भाऊसाहेब वाकचौरे शिवसेना-यूबीटी की तरफ़ से मैदान में हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें