लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि संसद में शिवसेना का कार्यालय पार्टी के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को आवंटित किया गया है। यह फ़ैसला तब आया है जब एक दिन पहले ही केंद्रीय चुनाव आयोग के फ़ैसले के बाद सोमवार को एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों ने महाराष्ट्र विधान भवन में मौजूद शिवसेना के पार्टी दफ्तर पर कब्जा कर लिया।
दो दिन पहले ही चुनाव आयोग से उद्धव ठाकरे गुट को बहुत बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न धनुष बाण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना को दे दिया है। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद शिंदे गुट की शिवसेना ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है।
चुनाव आयोग ने शिवसेना पार्टी के नाम और पार्टी के चुनाव चिह्न धनुष बाण पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि तमाम साक्ष्यों और सबूतों के आधार पर यह तय होता है कि शिवसेना के असली मालिकाना हक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास है।
अब लोकसभा में कार्यालय भी शिंदे खेमे को देने का फ़ैसला आया है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले द्वारा लिखे गए एक पत्र के जवाब में लोकसभा सचिवालय ने कहा कि संसद भवन में शिवसेना कार्यालय के लिए नामित कमरा शिंदे खेमे को आवंटित किया गया है। 18 फरवरी को शेवाले ने लोकसभा सचिवालय को पत्र लिखकर पार्टी के लिए कार्यालय आवंटित करने की मांग की थी। अभी तक दोनों गुट संसद भवन स्थित शिवसेना कार्यालय का इस्तेमाल करते रहे हैं।
इधर सुप्रीम कोर्ट एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न आवंटित करने के चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। याचिका पर बुधवार को दोपहर 3.30 बजे सुनवाई होगी।
शिवसेना नाम और धनुष-तीर निशान के मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खेमा सुप्रीम कोर्ट उद्धव ठाकरे गुट से पहले ही पहुँच गया। शिंदे खेमे ने दो दिन पहले ही अदालत में कैविएट दायर की है। शिंदे खेमे ने इस कैविएट से अदालत को यह बताया है कि उद्धव ठाकरे शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न पर चुनाव आयोग के फ़ैसले को चुनौती दे सकते हैं। कैविएट में शिंदे ने अदालत से किसी भी आदेश को पारित करने से पहले महाराष्ट्र सरकार का पक्ष भी सुनने का आग्रह किया है।
शिंदे खेमे की ओर से ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि उद्धव ठाकरे ने शनिवार को पार्टी की बैठक में कहा था कि वो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उद्धव ने कहा था कि 'पीएम मोदी और उनके गुलाम चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और निशान हमसे छीना है'। उन्होंने कहा था कि कार्यकर्ता घर-घर जाकर बताएँ कि हमारा नाम और निशान चोरी कर लिया गया है।
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