इस इस नये खुलासे से सवाल उठ रहा है कि क्या आर्यन ख़ान को करोड़ों रुपये का सौदा कर फँसाया गया? क्या इसके पीछे एक बड़ी साज़िश है? आख़िर इस केस में एनसीबी के गवाह ने ही ऐसे आरोप क्यों लगाए हैं जिससे इस पूरी कार्रवाई पर सवाल खड़े होते हैं?
भगोड़े केपी गोसावी के सहयोगी रहे प्रभाकर सेल ने आरोप लगाया है कि मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी द्वारा उन्हें एक खाली पंचनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया था।
गोसावी क्रूज जहाज पर छापेमारी और ड्रग्स की कथित बरामदगी में नौ स्वतंत्र गवाहों में से एक है, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था। सेल ने यह भी कहा कि केपी गोसावी के 'संदिग्ध रूप से लापता' होने के बाद उसे एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े से अपनी जान का ख़तरा महसूस हुआ। उसने कहा है कि यही वजह है कि उसने यह हलफनामा दायर किया है।
Prabhakar Sali was the bodyguard of Gosavi. He claims after #AryanKhan was detained at Green gate, #SameerWakhende of NCB took his sign on blank papers & made him a "panch".
— Tehseen Poonawalla Official 🇮🇳 (@tehseenp) October 24, 2021
A meeting then transpired between Gosavi, Sam & #ShahRukhKhan Manager Pooja for #AryanKhan 's release.
हलफनामे में सेल का यह भी दावा है कि उसने गोसावी को यह कहते सुना कि 25 करोड़ रुपये की मांग करने का विचार था और आर्यन ख़ान को छोड़ने के लिए 18 करोड़ रुपये में समझौता करना था और उसमें से 8 करोड़ रुपये समीर वानखेड़े को दिए जाने थे।
इसको शेयर करते हुए विनोद कापड़ी ने लिखा है कि समीर वानखेड़े पर गंभीर आरोप लग रहे हैं और उन्हें तुरत सस्पेंड किया जाना चाहिए।
#AryanKhan को गिरफ़्तार करने वाले #SameerWankhede को 8 करोड़ ???? इस अफ़सर पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। इसे तुरंत सस्पेंड किया जाना चाहिए।
— Vinod Kapri (@vinodkapri) October 24, 2021
इस देश में ये चल क्या रहा है ? https://t.co/VMYd7yr7Mm
हलफनामे में प्रभाकर सेल ने कहा है कि वह उस नाटकीय घटनाओं का गवाह था जो क्रूज छापे के बाद सामने आई थी। उसने कहा कि वह छापे की रात गोसावी के साथ था और उन्हें पंचनामा के रूप में कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया था। उसने यह भी कहा कि उन्हें छापेमारी में जब्ती की जानकारी नहीं है।
उसने हलफनामे में कहा कि उसने गोसावी और सैम नाम के एक शख्स को एनसीबी ऑफिस के पास मिलते देखा था। हालाँकि, इसमें यह साफ़ नहीं है कि सैम नाम का शख्स कौन है। प्रभाकर ने कहा कि छापेमारी के दौरान उसने बड़ी सावधानी से कुछ वीडियो और तसवीरें लीं। एक वीडियो में देखा जा सकता है कि गोसावी अपने फोन से आर्यन ख़ान की किसी से बात करा रहा है।
आर्यन ख़ान के ख़िलाफ़ मामला उनके वाट्सऐप चैट पर आधारित है। आर्यन के पास से न तो कोई ड्रग्स मिला है और न ही मेडिकल जाँच में ड्रग्स के सेवन की पुष्टि हुई है। आर्यन को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी ने गिरफ्तार किया था और ज़मानत याचिका खारिज होने के बाद फ़िलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं। आर्यन ख़ान इन दिनों जेल में बंद हैं। विशेष एनडीपीएस अदालत ने आर्यन को जमानत देने से इनकार कर दिया है। इसके बाद आर्यन ने जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। हाई कोर्ट में इस मामले में मंगलवार यानी 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
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