loader

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर उद्धव ने क्या फार्मूला सुझाया?

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच चल रहे सीमा विवाद के मामले में एक फार्मूला सुझाया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सोमवार को विधान परिषद में कहा कि केंद्र सरकार को कर्नाटक के द्वारा कब्जा किए गए महाराष्ट्र के इलाके को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर देना चाहिए। 

विधान परिषद में ठाकरे ने कहा कि यह मामला किसी भाषा और सीमा का नहीं है बल्कि यह मानवता का मामला है। 

बताना होगा कि बेलगावी को लेकर महाराष्ट्र और कर्नाटक वर्षों से आमने-सामने हैं और बीते कुछ महीनों में यह लड़ाई और तेज हुई है। बेलगावी जिला कर्नाटक में पड़ता है लेकिन महाराष्ट्र इस पर अपना अधिकार जताता है। दूसरी ओर, कर्नाटक ने हाल ही में महाराष्ट्र के कुछ गांवों पर अपना दावा जताया था और इसके बाद दोनों राज्य सरकारों के बीच जंग और तेज हो गई थी। 

ताज़ा ख़बरें

उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र-कर्नाटक की सीमा पर मराठी भाषी लोग कई पीढ़ियों से रह रहे हैं। उनके रहने-सहने का ढंग, बोलचाल की भाषा सब कुछ महाराष्ट्र जैसा ही है। उन्होंने कहा कि जब तक यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने लंबित है, केंद्र सरकार को कर्नाटक के द्वारा कब्जा किए गए महाराष्ट्र के इलाके को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर देना चाहिए। 

राज्य सरकार से पूछा सवाल

ठाकरे ने पूछा कि क्या महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस बारे में एक भी शब्द बोला है। उन्होंने इस मामले में राज्य सरकार के स्टैंड पर भी सवाल उठाया। ठाकरे ने पूछा कि क्या इस मामले में केंद्र सरकार ने अभिभावक की भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को केस फॉर जस्टिस फिल्म देखनी चाहिए और महाजन आयोग की रिपोर्ट को भी पढ़ना चाहिए। यह रिपोर्ट महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर है। 

महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों ही राज्यों में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार है इसलिए बीजेपी के लिए इस मसले को सुलझाना बड़ी चुनौती है। इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने के लिए कहा था।

महाराष्ट्र को एक इंच जमीन नहीं देंगे

पिछले हफ्ते ही कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर कहा था कि कर्नाटक की एक इंच जमीन भी महाराष्ट्र को नहीं दी जाएगी। 

तब कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शिवसेना के उद्धव गुट के सांसद संजय राउत को चीन का एजेंट बताया था। संजय राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी के नेता कर्नाटक में कुछ इसी तरह घुसेंगे जिस तरह चीन भारत की सीमा में घुसा है। संजय राउत ने कहा था कि हम कर्नाटक में जाएंगे और हमें किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है।

Karnataka Maharashtra border dispute Uddhav Thackeray Union-Territory Solution - Satya Hindi

इस पर मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा था कि जिस तरह संजय राउत ने यह बात कही है इससे ऐसा लगता है कि वह चीन के पक्ष में हैं, वह देशद्रोही हैं और इससे ज्यादा उन्हें क्या कहा जाए। 

जबकि संजय राउत ने महाराष्ट्र की बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि यह एक कमजोर सरकार है और वह इस मामले में कोई फैसला नहीं कर पा रही है। 

महाराष्ट्र से और खबरें

कुछ दिन पहले कर्नाटक में विलय का प्रस्ताव पास करने वाली महाराष्ट्र की 11 में से 10 ग्राम पंचायतों ने अपना प्रस्ताव रद्द कर दिया था। महाराष्ट्र सरकार की ओर से सोलापुर जिले के अक्कलकोट की 11 ग्राम पंचायतों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में उनसे यह पूछा गया था कि वे बताएं कि उन्होंने कर्नाटक में विलय का प्रस्ताव क्यों पास किया था। 

इससे पहले जब महाराष्ट्र सरकार के दो मंत्रियों ने बेलगावी जिले में आने की बात कही थी तो कर्नाटक ने इसका विरोध किया था। बेलगावी जिले के प्रशासन ने यहां महाराष्ट्र के मंत्रियों के आने पर रोक लगा दी थी और कानूनी कार्रवाई करने की बात कही थी। इसके बाद मंत्रियों ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया था। लेकिन इसे लेकर महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने कहा था कि राज्य सरकार के मंत्रियों को बेलगावी जाने की नई तारीख के बारे में बताना चाहिए। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें