अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी छह साल से अधिक समय के बाद शुक्रवार को भायखला जेल से बाहर आ गईं। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उनको जमानत दी थी। लेकिन गुरुवार को कागजी कार्यवाही पूरी नहीं होने की वजह से उन्हें रिहा नहीं किया जा सका था। जेल से बाहर निकलते हुए इंद्राणी मुखर्जी ने आज कहा कि वह बेहतर महसूस कर रही हैं।
जेल परिसर के बाहर जमा मीडिया से उन्होंने कहा, 'खुला आसमान दीखा। बहुत खुश हूं। मैं बहुत खुश हूं।' उन्होंने कहा, 'मैंने जेल में बहुत कुछ सीखा है... मैं अपने अगले साक्षात्कार में इस बारे में बात करूंगी।'
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उनको बुधवार को जमानत देते हुए कहा था कि इंद्राणी ने साढ़े छह साल जेल में काटे, हम इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दे रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप लगाया गया है कि उसने अपनी बेटी के राहुल मुखर्जी के साथ लिव-इन रिलेशनशिप को देखते हुए हत्या की योजना बनाई थी, जो पीटर मुखर्जी और उनकी पूर्व पत्नी का बेटा था।' अदालत ने कहा था, 'हम मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। भले ही अभियोजन पक्ष द्वारा 50 प्रतिशत गवाह दिए गए हों, लेकिन ट्रायल जल्द ख़त्म नहीं होगा। उसे निचली अदालत की संतुष्टि के तहत ही जमानत पर रिहा किया जाएगा। जो शर्तें पीटर मुखर्जी पर लगाई गईं वही उन पर लगाई जाएँगी।'
जांचकर्ताओं ने कहा है कि इंद्राणी अपनी बेटी के अपने पूर्व पति पीटर मुखर्जी के बेटे राहुल मुखर्जी के साथ रिश्ते से नाराज थीं। स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी और संजीव खन्ना सह-आरोपी हैं। पीटर को दो साल पहले जमानत मिली थी। जेल में रहते हुए इंद्राणी और पीटर मुखर्जी ने अपने 17 साल पुराने रिश्ते को समाप्त कर दिया और 2019 में उन्होंने तलाक ले लिया।
सीबीआई ने पहले ही कहा है कि 24 अप्रैल, 2012 को खन्ना और इंद्राणी के पूर्व ड्राइवर श्यामवर राय की मदद से इंद्राणी ने बांद्रा में एक कार में बोरा की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। जाँच एजेंसी ने कहा था कि उसके शव को गागोड़े खिंद गांव में दफनाने से पहले जला दिया गया था।
वह हत्याकांड तब सामने आया था जब इंद्राणी मुखर्जी के ड्राइवर श्यामवर राय को बंदूक के साथ पकड़ा गया था। पूछताछ में उसने खुलासा किया था कि वह एक अन्य मामले में शामिल था और उसने कथित तौर पर एक हत्या देखी थी।
अपनी राय बतायें