महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार से संबंधित कंपनियों पर आयकर विभाग के छापों ने महाराष्ट्र की राजनीति में सरगर्मी तेज कर दी। आयकर विभाग ने एक बयान जारी करके कहा है कि अजित पवार से संबंधित उनके परिवार के लोगों के पास से क़रीब 1050 करोड़ के ट्रांजेक्शन के बारे में जानकारी हाथ लगी है। आयकर विभाग ने पवार के रिश्तेदारों के 25 रिहायसी घरों, 15 दफ्तरों और ओबेरॉय होटल में परमानेंट तौर पर बुक रहने वाले दो सूट रूम पर छापेमारी की थी। आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग को चकमा देने के लिए व्यापारियों और मिडिलमैन का सहारा लिया जा रहा था। अजित पवार ने अपने रिश्तेदारों पर आयकर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई की पुष्टि की है।
इस कार्रवाई पर अजित पवार ने कहा कि आयकर विभाग को किसी भी कंपनी या निजी व्यक्ति पर छापेमारी करने का अधिकार है लेकिन उनकी बहनों के घर पर की गई छापेमारी पूरी तरह से राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई है।
गुरुवार सुबह 6 बजे से ही आयकर विभाग के क़रीब डेढ़ सौ लोगों ने अजित पवार से संबंधित ठिकानों पर छापेमारी करनी शुरू की थी। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने अजित पवार की तीनों बहनों और इसके अलावा उनके बेटे पार्थ पवार के ठिकानों पर भी छापेमारी की है। आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले कई महीनों से पवार से संबंधित कंपनियों और उनके रिश्तेदारों द्वारा की जा रही टैक्स चोरी की जानकारी विभाग को मिली थी जिसके बाद आयकर विभाग ने इतने बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू की।
आयकर विभाग द्वारा की गई इस छापेमारी पर पवार ने कहा कि वह एक राज्य के वित्त मंत्री हैं और उन्हें पता है कि कंपनियों के टैक्स का किस तरह से लेन-देन होता है।
पवार ने कहा कि मैं नियमित तौर पर टैक्स भरता हूँ और मेरी सभी कंपनियाँ भी समय पर टैक्स जमा करती हैं लेकिन केंद्र सरकार के इशारे पर राजनीतिक बदले की भावना से यह कार्रवाई की गई है।
अजित पवार ने कहा कि मुझ से संबंधित कंपनियों पर रेड डाली गई वो तो ठीक है लेकिन मेरी जिन बहनों की 35 से 40 साल पहले शादी हो चुकी है उन पर आयकर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई का कोई औचित्य नहीं है।
अजित पवार ने कहा,
“
मेरी कंपनियों पर छापेमारी की गई, इसका मुझे अफसोस नहीं है। लेकिन मेरे रिश्तेदारों को बेवजह फँसाना ग़लत है। इतने निचले स्तर की राजनीति मैंने कभी नहीं देखी। सरकार आती है और जाती है लेकिन रिश्तेदारों को निशाना बनाना एक ग़लत परंपरा है।
अजित पवार
आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि महाराष्ट्र और गोवा में की गई इस बड़ी छापेमारी में कुछ संदिग्ध लेनदेन की भी जानकारी हाथ लगी है। अधिकारियों ने महाराष्ट्र में एक आंगड़िया के पास से डेढ़ करोड़ कैश भी बरामद किया है। इस छापेमारी के दौरान अधिकारियों को 200 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेनदेन की भी जानकारी के कागजात मिले हैं, जिसमें महाराष्ट्र में अधिकारियों द्वारा मलाईदार पोस्टिंग पाने के लिए करोड़ों रुपए के लेनदेन भी किए गए थे। इन कागजातों में पैसों के लेनदेन के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल किया गया ताकि एजेंसियों को यह पता नहीं चल सके कि आख़िरकार किस अधिकारी के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए इन पैसों का लेनदेन किया गया था।
छापेमारी के दौरान अधिकारियों को कुछ कागजात ऐसे भी मिले हैं जिसमें किसानों की ज़मीन को दलालों के नाम पर ट्रांसफर किया गया है। इसके अलावा बड़े-बड़े बिजनेसमैन को फायदा पहुँचाने के लिए करोड़ों रुपयों का लेनदेन किया गया है। राज्य के कई विभागों में टेंडर लेने के लिए भी दलालों के ज़रिए करोड़ों रुपयों के लेनदेन के कागजात मिले हैं। जाँच के दौरान 16 करोड़ और 12 करोड़ के ट्रांजैक्शन की जानकारी भी आयकर विभाग के अधिकारियों को हाथ लगी है।
छापेमारी में कुछ ऐसे लोगों की भी जानकारी सामने आई है जो अपना निजी बिल्डिंग डेवलपमेंट का बिजनेस चला रहे हैं। उनके पास से मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और सीडी भी बरामद की गई हैं जिनमें पैसों के लेनदन की जानकारी हो सकती है। इसके अलावा आयकर विभाग के अधिकारियों ने क़रीब 4 करोड़ 60 लाख रुपये कैश और 3 करोड़ 42 लाख रुपए की ज्वेलरी भी बरामद की है।
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