फिल्म निर्देशक अविनाश दास को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की छवि धूमिल करने के आरोप में गुजरात क्राइम ब्रांच ने मुंबई से हिरासत में लिया है। दरअसल, अविनाश दास ने झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक पुरानी तसवीर सोशल मीडिया पर साझा कर दी थी जिसके बाद अविनाश दास के ख़िलाफ़ गुजरात क्राइम ब्रांच ने भ्रम फैलाने और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का मामला दर्ज किया था। हालांकि अविनाश दास ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अहमदाबाद की सत्र अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी लेकिन अदालत ने अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम ने अविनाश दास को मंगलवार दोपहर उनके घर के पास से हिरासत में लिया है और उन्हें क्राइम ब्रांच की टीम गुजरात लेकर निकल गई है।
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने इसी साल 14 मई को अविनाश दास के खिलाफ गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ झूठा भ्रम फैलाने का मामला दर्ज कर लिया था। क्राइम ब्रांच ने इस एफआईआर में अविनाश दास के खिलाफ गृहमंत्री की छवि को धूमिल करने और लोगों को भ्रामक जानकारी देने के प्रयास का मामला दर्ज किया।
अविनाश दास ने जैसे ही गृहमंत्री अमित शाह और पूजा सिंघल की यह तसवीर सोशल मीडिया पर साझा की वैसे ही अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम हरकत में आ गई। क्राइम ब्रांच ने अविनाश पर आईपीसी की धारा 469 यानी जालसाजी, आईटी अधिनियम की धारा 67 और राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। हालाँकि अविनाश दास ने अहमदाबाद के सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी लेकिन अदालत ने अविनाश को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
अविनाश दास पर एक और आरोप है कि उन्होंने अपने फ़ेसबुक अकाउंट पर तिरंगा पहने एक महिला की मॉर्फ्ड तसवीर साझा की थी। इसके चलते उनके ख़िलाफ़ राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का मामला भी दर्ज किया गया था। इस मामले में भी अविनाश के ख़िलाफ़ जालसाजी और आईटी अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। हालाँकि अविनाश दास ने अग्रिम जमानत की याचिका भी दाखिल की थी लेकिन अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि तिरंगे में लिपटी एक नग्न महिला की तसवीर अपलोड करना दास की मानसिक विकृति को दिखाता है और इस कारण भारत की संस्कृति का अपमान हुआ है और लोगों में नफरत की भावना पैदा हुई है। इसके चलते यह अदालत उनकी जमानत की याचिका को खारिज करती है।
अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते वक्त यह भी कहा था कि अगर इस तरह के मामलों में आरोपी को जमानत दे दी जाती है तो फिर देश में साइबर अपराधों में तेजी आ जाएगी।
इसके अलावा हमारे देश के राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान को भी बढ़ावा मिलेगा। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि अविनाश दास खुद एक फिल्म निर्देशक हैं एवं उनके ऊपर देश की गरिमा बनाए रखना और राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना उनका कर्तव्य माना जाता है लेकिन फिर भी उन्होंने इस तरह की फोटो को जानबूझकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया था।
सेशन कोर्ट से जमानत नहीं मिलने के बाद अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की एक टीम दो बार उनके घर पर दबिश दे चुकी है, लेकिन अविनाश दास क्राइम ब्रांच की टीम को घर पर नहीं मिले थे। इसके बाद क्राइम ब्रांच की एक टीम पिछले 2 दिनों से मुंबई में डेरा डाले हुई थी। जैसे ही पुलिस की टीम को जानकारी मिली वैसे ही अविनाश दास को मुंबई के वर्सोवा इलाक़े से हिरासत में ले लिया गया और पुलिस की एक टीम उन्हें लेकर गुजरात के लिए निकल चुकी है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के डीसीपी चैतन्य मांडलिक का कहना है कि उन्होंने फिल्म डायरेक्टर अविनाश दास को मुंबई से हिरासत में लिया है और उनकी एक टीम उन्हें लेकर गुजरात के लिए निकली है। जैसे ही क्राइम ब्रांच की टीम अविनाश दास को लेकर अहमदाबाद पहुंचेगी तो गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। अविनाश दास के परिवार वालों का कहना है कि अविनाश ने अग्रिम जमानत की याचिका के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया हुआ है जिस पर अगले शुक्रवार को सुनवाई होनी है, लेकिन सुनवाई से ठीक पहले गुजरात पुलिस ने अविनाश को हिरासत में ले लिया।
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