महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को सोमवार को एक और बड़ा झटका लगा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना की पुरानी राष्ट्रीय कार्यकारिणी को बर्खास्त कर दिया है और नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है। नई कार्यकारणी में एकनाथ शिंदे की मुख्य नेता के तौर पर नियुक्ति की गई है। इसके साथ ही पुरानी कार्यकारिणी में जितने भी लोग पदों पर थे उन सभी को बर्खास्त कर दिया गया है। विधायक दीपक केसरकर को नई कार्यकारिणी में प्रवक्ता की ज़िम्मेदारी दी गई है। नई कार्यकारणी बनाने के बाद से उद्धव ठाकरे की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी में बगावत का सिलसिला लगातार जारी है। 40 विधायकों की बगावत के बाद अब शिवसेना के 12 सांसदों ने पार्टी से बगावत कर दी है। बगावत का आलम यह रहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 12 सांसदों के साथ सोमवार को और बाकी 40 विधायकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई।
आज जैसे ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान ख़त्म हुआ उसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने 40 विधायकों के साथ एक पांच सितारा होटल में पहुंच गए। इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की जानकारी किसी को भी नहीं थी। इस बीच दिल्ली में राष्ट्रपति चुनाव के लिए चुनाव में शामिल होने के लिए शिवसेना के सांसद दिल्ली पहुंचे हुए थे। 19 सांसदों में से 12 सांसद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए। बताया जा रहा है कि शिवसेना से अलग होकर 40 विधायकों और 12 सांसदों ने सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को नई कार्यकारिणी का प्रमुख नेता चुन लिया।
इससे पहले सोमवार को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके और शिवसेना के पूर्व विधायक रामदास कदम और पूर्व सांसद आनंद राव अडसूल ने शिवसेना से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद हालाँकि शिवसेना की तरफ़ से बयान जारी किया गया कि दोनों ही नेताओं ने पार्टी के ख़िलाफ़ काम किया है जिसकी वजह से उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एकनाथ शिंदे ने फिलहाल शिवसेना प्रमुख पद को हाथ नहीं लगाया है। इसका मतलब साफ़ है कि उद्धव ठाकरे अभी भी शिवसेना के अध्यक्ष बने रहेंगे।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिवसेना नेता रामदास कदम और आनंद राव अडसुल को फिर से नेता के तौर पर नियुक्त किया गया है।
इसके साथ ही शिवसेना के उप नेता के तौर पर यशवंत जाधव, गुलाबराव पाटिल, उदय सामंत, तानाजी सावंत, शिवाजीराव पाटिल, विजय नाहटा और शरद पोंसे की नियुक्ति की है। जबकि दीपक केसरकर को नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का प्रवक्ता बनाया गया है।
एकनाथ शिंदे द्वारा नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाए जाने के बाद शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा है। संजय राउत ने कहा कि अगर दो तिहाई सांसद एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो ही जाते हैं तो यह मामला यहीं ख़त्म नहीं होता है। इसके बाद हम इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। संजय राउत ने कहा कि जो लोग पहले से ही बाग़ी हैं और उनके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है ऐसे में वह नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कैसे कर सकते हैं।
इन सभी घटनाक्रमों के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं जहाँ वह मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि शिवसेना के जिन सांसदों ने एकनाथ शिंदे के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बात की थी वे सभी 12 सांसद भी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाक़ात करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ होने वाली इस बैठक में महाराष्ट्र में होने वाले कैबिनेट विस्तार पर भी चर्चा हो सकती है।
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