महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ था और सत्र शुरू होते ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक बार फिर से झटका दिया है। शिंदे गुट के विधायकों ने विधानसभा के अंदर शिवसेना के कार्यालय पर कब्जा कर लिया है। जिसे लेकर विधानसभा में हंगामा होने के आसार हैं।
हालांकि उद्धव ठाकरे गुट को विधानसभा के अंदर वैकल्पिक दफ्तर दे दिया गया है जिसमें उद्धव ठाकरे गुट के विधायक बैठ सकेंगे।
महाराष्ट्र में जब शिवसेना का गठन हुआ था और उसने विधानसभा चुनाव लड़ा था तभी से विधानसभा में उसका एक कार्यालय हुआ करता था। लेकिन सोमवार को एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों ने उस कार्यालय पर कब्जा कर लिया। एकनाथ शिंदे गुट के विधायक दिलीप मामा लांडे का कहना है कि विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा एकनाथ शिंदे के पास है। ऐसे में शिवसेना से जुड़े हुए सभी फैसले लेने का अधिकार एकनाथ शिंदे गुट को है।
विधानसभा के सूत्रों का कहना है कि जिस समय एकनाथ शिंदे गुट ने दफ्तर पर कब्जा किया उस समय वहां पिछले कई वर्षों से काम कर रहे कर्मचारी भी मौजूद थे। जब एकनाथ शिंदे गुट के विधायक शिवसेना के कार्यालय में पहुंचे तो वहां मौजूद कर्मचारी काफी भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए।
उद्धव की बढ़ती मुश्किलें
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आए दिन उद्धव ठाकरे किसी न किसी मुसीबत में फंसते हुए नजर आ रहे हैं। 6 महीने पहले उद्धव ठाकरे की सरकार चली गई थी उसके बाद शिवसेना पर हक को लेकर भी सवालिया निशान खड़ा हो गए थे। जिसके बाद मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया।
इसके बाद उनके खिलाफ हाईकोर्ट में आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हो गया और अब एकनाथ शिंदे गुट ने नागपुर स्थित विधानसभा में शिवसेना के कार्यालय पर कब्जा कर लिया है।
हालांकि उद्धव ठाकरे विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए नागपुर पहुंच चुके हैं और महा विकास आघाडी के नेताओं के साथ बैठक कर महाराष्ट्र सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं।
अजित पवार भड़के
एकनाथ शिंदे गुट द्वारा शिवसेना के दफ्तर पर कब्जा किए जाने के बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भड़क गए। अजित पवार का कहना है कि जब शिवसेना पर हक को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग में चल रहा है तो फिर एकनाथ शिंदे गुट ने किस आधार पर शिवसेना के दफ्तर को अपने कब्जे में लिया। अजित पवार ने एकनाथ शिंदे सरकार पर आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में इस समय मनमानी की सरकार चल रही है और विपक्ष को दबाने का काम जारी है।
29 दिसंबर तक चलने वाले विधानसभा के शीतकालीन अधिवेशन के पहले दिन काफी हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए विधानसभा के अंदर '50 खोके एकदम ओके' का नारा दिया।
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