महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के भावुक भाषण के बाद बागी नेता एकनाथ शिंदे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन को बेमेल गठबंधन क़रार दिया और कहा कि महाराष्ट्र के हित में इससे निकलना ज़रूरी है।
एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया, 'पिछले ढाई साल में एमवीए सरकार ने केवल घटक दलों (कांग्रेस, एनसीपी) को फायदा पहुंचाया और शिवसैनिकों को भारी नुक़सान हुआ। पार्टी और शिवसैनिकों के अस्तित्व के लिए अप्राकृतिक गठबंधन से बाहर निकलना जरूरी है। अब महाराष्ट्र के हित में निर्णय लेने की ज़रूरत है।'
१. गेल्या अडीच वर्षात म.वि.आ. सरकारचा फायदा फक्त घटक पक्षांना झाला,आणि शिवसैनिक भरडला गेला.
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 22, 2022
२. घटक पक्ष मजबूत होत असताना शिवसैनिकांचे - शिवसेनेचे मात्र पद्धतशीर खच्चीकरण होत आहे. #HindutvaForever
उनका यह ट्वीट तब आया है जब कुछ घंटे पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव में कहा कि 'अगर विधायक सामने आकर बोलें तो इस्तीफा देने को तैयार हूं'। उन्होंने कहा कि 'मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए बेकरार नहीं हूं। मैं तो संयोग से सीएम बना। शरद पवार ने प्रस्ताव किया था कि मैं मुख्यमंत्री बनूं।' हालांकि उद्धव का यह संबोधन महाराष्ट्र की जनता के नाम था लेकिन कुल मिलाकर यह संदेश बागी विधायकों और शिवसैनिकों को था। और उनके इस भाषण के बाद ही एकनाथ शिंदे का यह ट्वीट आया है।
हालाँकि शिंदे द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में दिया था। उद्धव ने कहा कि वह "कुर्सी के लिए नहीं लड़ेंगे" और शिवसेना हिंदुत्व को कभी नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा, 'अगर एक भी विधायक ने मुख्यमंत्री के रूप में मुझ पर आपत्ति जताई तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। मैं अपना इस्तीफा तैयार रख रहा हूं। आप मुझे बताएं कि आप चाहते हैं कि मैं इस्तीफा दे दूं।' शिवसेना के 30 विधायकों द्वारा बागी एकनाथ शिंदे को अपने नेता के रूप में समर्थन देने के लिए राज्यपाल को लिखे जाने के तुरंत बाद ठाकरे ने यह संबोधन किया है। ठाकरे ने कहा, 'मुझे एकनाथ शिंदे के साथ गए विधायकों के फोन आ रहे हैं, वे दावा कर रहे हैं कि उन्हें जबरन ले जाया गया।'
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