महाराष्ट्र की राजनीति में रोज नए-नए अध्याय जुड़ते जा रहे हैं। पिछले तीन-चार दिनों से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे खासे चर्चा में हैं। पिछले हफ्ते राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस से उनके घर पर मुलाकात की थी। उसके बाद बीजेपी के दो बड़े नेताओं ने राज ठाकरे से उनके घर पर जाकर मुलाकात की थी। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज ठाकरे से उनके घर पर मुलाकात की है। भले ही एकनाथ शिंदे ने राज ठाकरे के घर जाकर गणपति के दर्शन किए हों लेकिन बीजेपी के कई नेताओं का राज ठाकरे से मिलना महाराष्ट्र में नए समीकरण बनाने की ओर इशारा कर रहा है।
पिछले काफी दिनों से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे खासे चर्चा में हैं। कुछ दिनों पहले राज ठाकरे ने जहाँ लाउडस्पीकर के ज़रिए अजान बोलने पर मोर्चा खोला था उसके बाद से राज ठाकरे किसी ना किसी मुद्दे को लेकर चर्चा में रहते हैं। पिछले एक हफ्ते के अंदर राज ठाकरे की बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ मुलाक़ात ने महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से सरगर्मी तेज कर दी है। पिछले हफ्ते एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और बीजेपी के बड़े नेता देवेंद्र फडणवीस के घर उनसे मुलाकात करने के लिए पहुंच गए थे। हालांकि उस समय राज ठाकरे ने इस मुलाकात को सिर्फ एक औपचारिक मुलाक़ात बताया था।
महाराष्ट्र की राजनीति के जानकारों ने देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे की मुलाक़ात को गंभीरता से लेते हुए कहा था कि बीजेपी किसी भी क़ीमत पर चाहती है कि मुंबई में होने वाली महानगर पालिका के चुनाव में उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना को धराशाई करना चाहती है। यही कारण है कि राज ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस से मुलाक़ात की थी। महाराष्ट्र की राजनीति के जानकार तो यहाँ तक कह रहे हैं कि बीजेपी उद्धव ठाकरे के मराठी वोट बैंक में राज ठाकरे के ज़रिए सेंध लगवाना चाहती है। यही कारण है कि बीएमसी के इस चुनाव में बीजेपी राज ठाकरे को मराठी वोटरों को लुभाने के लिए एक मोहरा बनाकर पेश कर सकती है।
देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे की मुलाक़ात को 2 दिन भी नहीं हुए थे कि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी समझे जाने वाले विनोद तावड़े भी राज ठाकरे से मिलने उनके घर पहुंच गए।
राज ठाकरे और विनोद तावड़े के बीच क़रीब एक घंटे बातचीत हुई, इसमें बताया जा रहा है कि मुंबई में बीएमसी चुनाव के साथ-साथ महाराष्ट्र में दूसरी महानगर पालिकाओं के चुनाव में किस तरह से रणनीति बनाई जाए इस पर चर्चा हुई।
हालाँकि दोनों ही पार्टियों की तरफ़ से इस मुलाक़ात के बारे में भी कोई सटीक जानकारी मीडिया को नहीं दी गई।
तीन दिन पहले जहां सुबह को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने राज ठाकरे से मुलाक़ात की थी वहीं दोपहर बाद महाराष्ट्र बीजेपी के नए नवेले अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले भी एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे से मुलाक़ात करने उनके घर पहुँच गए। चंद्रशेखर बावनकुले ने भी राज ठाकरे से क़रीब एक घंटा बंद कमरे में बात की। पहली मुलाक़ातों की तरह इस मुलाक़ात में क्या बातचीत हुई इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। बीजेपी के बड़े नेताओं का राज ठाकरे से मुलाक़ात करने के पीछे की रणनीति क्या है इस बारे में राजनीतिक विश्लेषक सिर्फ अटकलें ही लगा रहे हैं।
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राज ठाकरे की बीजेपी के साथ नज़दीकियों पर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक सुधींद्र कुलकर्णी का कहना है कि बीजेपी राज ठाकरे को बीएमसी के चुनाव में मोहरा बनाना चाहती है। यही कारण है कि वह मनसे से नज़दीकियां बना रही है। हालाँकि सुधींद्र कुलकर्णी का मानना है कि राज ठाकरे का अचानक बीजेपी के सामने सरेंडर होना यह बताता है कि वह भी अपने राजनीति को दोबारा से पटरी पर लाना चाहते हैं। वरिष्ठ पत्रकार तुलसीदास भोईटे का कहना है कि एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद से मराठी वोट बैंक उद्धव ठाकरे की तरफ खिसकने के आसार हैं। यही कारण है कि बीजेपी उसी मराठी वोट बैंक को कब्जाने के लिए राज ठाकरे से नजदीकियाँ बढ़ा रही है। अब देखना यही होगा कि हमेशा दूसरी राजनीतिक पार्टियों का इस्तेमाल करने वाली बीजेपी राज ठाकरे का किस तरह से इस्तेमाल कर पाती है।
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