महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच राजनीतिक जंग में अब योग गुरु बाबा रामदेव की एंट्री हो गई है। रामदेव ने मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने विवादास्पद बयान देते हुए एकनाथ शिंदे को शिवसेना संस्थापक बाला साहब ठाकरे का उत्तराधिकारी बता डाला।
रामदेव के इस बयान पर विवाद हो गया है। शिवसेना ने रामदेव पर निशाना साधते हुए कहा है कि उनके ऊपर खुद मुकदमे चल रहे हैं तो ऐसे में उन्हें शिवसेना किसकी है इस बारे में बोलने का हक नहीं है। रामदेव के बयान से महाराष्ट्र की राजनीति और गरमा सकती है।
बाबा रामदेव हमेशा से चर्चाओं में रहते हैं। केंद्र की यूपीए सरकार के दौरान रामदेव ने काला धन के बारे में बहुत आवाज उठाई थी लेकिन जैसे ही केंद्र में मोदी सरकार आई, रामदेव इस तरह के मुद्दों पर बोलने से बचते रहे।
रामदेव ने मंगलवार को एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद कहा कि बाला साहब ठाकरे हिंदुत्व पर चलने वाले व्यक्ति थे एवं अगर उनका कोई असली उत्तराधिकारी इस समय बचा है तो वह एकनाथ शिंदे हैं।
योग गुरु ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सनातन हिंदुत्व के प्रतीक हैं जिन्होंने हिंदुत्व से समझौता नहीं करते हुए उद्धव ठाकरे को छोड़ बीजेपी के साथ सरकार बनाई। हालांकि रामदेव ने उद्धव ठाकरे पर किसी भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में इस समय हिंदुत्व को आगे बढ़ाने वाली सरकार है जिसको लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आगे बढ़ रहे हैं और इसलिए उन्होंने एकनाथ शिंदे को शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे का उत्तराधिकारी बताया।
‘अपने गिरेबान में झांके रामदेव’
बाबा रामदेव द्वारा दिए गए बयान पर शिवसेना ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना सांसद और प्रवक्ता अरविंद सावंत ने सत्य हिंदी से बातचीत में कहा कि बाला साहेब का उत्तराधिकारी घोषित करने वाले बाबा रामदेव आखिर कौन होते हैं। अरविंद सावंत ने कहा कि यह वही बाबा रामदेव हैं जो दिल्ली के रामलीला मैदान से महिलाओं के कपड़े पहन कर भाग गए थे। रामदेव के ऊपर कई मामले भी दर्ज हैं, ऐसे में बाला साहेब का उत्तराधिकारी कौन है, इसके बारे में फैसला करने से पहले रामदेव को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। हालांकि बाबा रामदेव के बयान पर अभी तक ठाकरे परिवार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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कांग्रेस, एनसीपी का हमला
महा विकास आघाडी में शिवसेना की सहयोगी पार्टियों कांग्रेस और एनसीपी ने भी बाबा रामदेव पर निशाना साधा है। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप ने बाबा रामदेव को कायर व्यक्ति तक कह डाला। भाई जगताप का कहना है कि बाबा रामदेव हमेशा से सत्ताधारी दलों के सामने दुम हिलाते हैं एवं अपने बिजनेस को बड़ा करने के लिए एकनाथ शिंदे की वाहवाही कर रहे हैं। वहीं, एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे का कहना है कि बाबा रामदेव को बाला साहेब का उत्तराधिकारी तब याद आया है जब राज्य में ठाकरे सरकार नहीं है। अगर उनमें उत्तराधिकारी बताने की हिम्मत होती तो महा विकास आघाडी सरकार के कार्यकाल में बता कर दिखाते।
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