ईडी ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्ति कुर्क कर ली। राउत और उनके परिवार की यह संपत्ति अलीबाग और दादर में है। ईडी ने यह कार्रवाई गोरेगांव के पात्रा चॉल में 1034 करोड़ रुपए के फ्लोर स्पेस इंडेक्स को बेचने में हुई धोखाधड़ी के मामले में की है।
ईडी ने इस साल 2 फरवरी को कारोबारी प्रवीन राउत को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया था। प्रवीन संजय राउत के करीबी हैं।
क्या है मामला?
ईडी मुंबई में एक प्लॉट के फ्लोर स्पेस इंडेक्स को धोखाधड़ी से बेचे जाने के मामले में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जांच कर रही है। गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एचडीआईएल की सहयोगी कंपनी है।
प्रवीन राउत गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में निदेशक हैं। ईडी ने अपनी चार्जशीट में इस कंपनी के साथ ही प्रवीन राउत, सारंग वधावन और राकेश वधावन को नामजद किया था। सारंग वधावन और राकेश वधावन को ईडी गिरफ़्तार कर चुकी है।
ईडी को पता चला है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी एमएचएडीए ने कुछ साल पहले मुंबई के गोरेगांव वेस्ट इलाके के पात्रा चॉल के री-डेवलपमेंट का ठेका दिया था। सूत्रों का कहना है कि प्रवीन राउत ने एमएचएडीए और एचडीआईएल के बीच में बातचीत कराई थी।
ईडी ने आरोप लगाया है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पात्रा चॉल में रहने वाले लोगों के लिए मकान बनाए बिना धोखाधड़ी से 1034 करोड़ रुपए का फ्लोर स्पेस इंडेक्स बेच दिया।
एचडीआईएल पंजाब और महाराष्ट्र को ऑपरेटिव बैंक में हुए 4300 करोड़ रुपए के घोटाले की धोखाधड़ी के मामले में भी कई जांच एजेंसियों के रडार पर है।
95 करोड़ की हेराफेरी
एक अलग मामले में ईडी को यह पता चला था कि प्रवीन राउत ने पीएमसी बैंक के जरिए एचडीआईएल से लिए गए लोन में 95 करोड़ की हेराफेरी की थी। ईडी को यह भी पता चला था कि प्रवीन ने अपनी पत्नी माधुरी राउत के खाते में 1.6 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए थे। माधुरी राउत संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत की बिजनेस पार्टनर हैं।
ईडी के मुताबिक इस 1.6 करोड़ रुपए में से माधुरी ने वर्षा राउत को 55 लाख रुपए ब्याज मुक्त लोन के रूप में ट्रांसफर किए थे और इस पैसे का इस्तेमाल वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदने में किया था।
यह साफ है कि ईडी की इस कार्रवाई के बाद महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच में चल रही जुबानी जंग और तेज होगी।
कई नेता निशाने पर
पिछले 2 सालों में केंद्रीय एजेंसियों ने एनसीपी और शिवसेना के कई नेताओं पर शिकंजा कसा है। इनमें एकनाथ खडसे, अनिल देशमुख, नवाब मलिक, अजित पवार जैसे बड़े नेताओं के नाम भी शामिल हैं। कुछ दिन पहले ईडी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बहनोई की 6.45 करोड़ की प्रॉपर्टी फ्रीज कर दी थी। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है।
इसके बाद उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर बीजेपी पर हमला बोला था।
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