महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है। तेज़ी से बदलते घटनाक्रम में शिवसेना ने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह उसे सरकार बनाने के दूसरे विकल्पों पर विचार करने के लिए मजबूर न करे।
अंग्रेज़ी न्यूज़ चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिल कर सरकार बनाने की संभावना से इनकार नहीं किया है। पर उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि शिवसेना गठबंधन की पवित्रता पर यकीन करती है।
संजय राउत ने सोमवार को कहा :
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उद्धव ठाकरे ने साफ़ कहा है कि हम बीजेपी का इंतजार करेंगे। पर हमें दूसरे विकल्पों की ओर देखने पर मजबूर न करें।
एनडीटीवी ने पूछा कि यदि बीजेपी ने उनकी माँगें न मानी तो क्या वे कांग्रेस-एनसीपी के साथ भी सरकार बना सकते हैं? इस सवाल के जवाब में राउत ने यह कहा था।
राउत ने कहा, 'हम इस संभावना (कांग्रेस-एनसीपी से समर्थन लेने) से इनकार नहीं कर सकते। राजनीति में कोई साधु-संत नहीं होता, पर सेना अभी भी सिद्धांतों पर भरोसा करती है।'
शिवसेना ने कहा कि बीजेपी अपने कहे से पीछे नही हट सकती। जब उनसे यह कहा गया कि 50:50 का फ़ॉर्मूला तो लोकसभा चुनाव के लिए तय हुआ था, विधानसभा चुनाव के लिए नहीं, इस पर राउत ने कहा कि बीजेपी अपने विद्रोहियों को नहीं संभाल पा रही थी, इसलिए उसके नेताओं ने आग्रह किया था कि इस फ़ॉर्मूले को दरकिनार कर दिया जाए।
संजय राउत ने साफ़ शब्दों में कह दिया कि शिवसेना उप मुख्य मंत्री पद पर राजी नहीं हो सकती। उन्होंने ज़ोर देकर कहा :
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अभी समय है। बीजेपी के पास बहुमत नहीं है और वह सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। यदि उनका काम शिवसेना के बग़ैर भी चल जाता है तो मैं उनका स्वागत करता हूँ और उन्हें बधाई देता हूँ।
शिवसेना नेता ने ज़ोर देकर कहा, 'हमने लोकसभा और विधानसभा में कम सीटों पर चुनाव लड़ा। मै बीजेपी को हर बार सहूलियत नहीं दे सकता। हमें अपनी पार्टी को भी बढ़ाना है। मैं बीजेपी को उस फ़ॉर्मूले की याद दिलाना चाहता हूँ जो अमित शाह की मौजदूगी में तय हुआ था।'
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