एशिया के सबसे बड़े स्लम क्षेत्र में से एक मुंबई के धारावी में एक व्यक्ति में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जबकि उस घर में रहने वाले सभी सात लोगों को क्वरेंटाइन किया गया है और उन सभी की जाँच गुरुवार को की जाएगी। हालाँकि उस बिल्डिंग को सील कर दिया गया है, लेकिन धारावी क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव केस का आना बड़े ख़तरे की घंटी है। क्योंकि इस छोटे से क्षेत्र में काफ़ी संख्या में लोग रहते हैं। एक-एक झुग्गी-झोपड़ी में 5 से 8 लोग रहते हैं और ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग इनके लिए नामुमकीन सा कार्य होगा।
यहाँ पर एक और बड़ी दिक्कत यह है कि अधिकारी वैसे लोगों को ढूँढ नहीं पाएँगे कि कौन-कौन कोरोना मरीज के संपर्क में आए होंगे। ऐसे में ख़ुद से क्वरेंटाइन और सोशल डिस्टेंसिंग का क्या असर होगा? वह भी तब जब इतनी बड़ी आबादी भीड़भाड़ वाले धारावी में रहती हो।
देश में महाराष्ट्र ही फ़िलहाल सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य है। यहाँ 335 से ज़्यादा पॉजिटिव मामले आ चुके हैं। हाल के दिनों में यह संख्या काफ़ी तेजी से बढ़ी है। एक दिन पहले ही यहाँ 24 घंटे में 59 मामले आए थे। राज्य में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। शहर के जसलोक हॉस्पिटल में एक नर्स में कोरोना की पुष्टि होने के बाद ओपीडी को बंद कर दिया गया। नर्स के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को क्वरेंटाइन किया जा रहा है।
लेकिन अब धारावी क्षेत्र में आया पॉजिटिव का मामला परेशान करने वाला है। माना जा रहा है कि एक बार झुग्गी-झोपड़ियों में यह वायरस फैला तो फिर संभालना मुश्किल हो जाएगा। यही चिंता की सबसे बड़ी वजह है। सिर्फ़ धारावी क्षेत्र में ही क़रीब 10 लाख लोग रहते हैं।
बता दें कि मुंबई के दूसरे स्लम में भी एक हफ्ते के अंदर चार ऐसे केस सामने आ चुके हैं। परेल की एक चॉल में रहने वाले एक 65 वर्षीय, कलिना के जम्बलिपाडा स्लम के 37 वर्षीय व्यक्ति में कोरोना पॉजिटिव मिला। घाटकोपर में झुग्गी झोपड़ी के एक 25 वर्षीय व्यक्ति और उसी झुग्गी की 68 वर्षीय महिला में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है।
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