राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का नाम हाल ही में धोखाधड़ी के एक मामले में सामने आया था। लेकिन इस मामले में शिकायतकर्ता का कहना है कि वह वैभव गहलोत का नाम शिकायत से हटाना चाहते हैं। वैभव गहलोत और 13 अन्य लोगों के खिलाफ सुशील पाटिल नाम के एक व्यवसायी ने महाराष्ट्र के नासिक में धोखाधड़ी और धमकी देने का मामला दर्ज कराया था।
पुलिस के मुताबिक, सुशील पाटिल ने इस मामले में अपना बयान दर्ज कराया है और कहा है कि वैभव गहलोत का नाम इस मामले में गलतफहमी के कारण आ गया है और यह गलतफहमी सचिन वलेरा नाम के शख्स की वजह से हुई है।
सचिन वलेरा गुजरात में कांग्रेस के नेता हैं और उन्हें इस मामले का मास्टरमाइंड कहा जा रहा है।
वैभव गहलोत और 13 अन्य लोगों के खिलाफ 17 मार्च को नासिक की एक अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस के मुताबिक अभियुक्तों ने सुशील पाटिल को अपनी कंपनी में निवेश करने का लालच दिया था और यह वादा किया था कि इससे उन्हें अच्छा रिटर्न मिलेगा।
पुलिस के मुताबिक लेकिन पाटिल को 6.8 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
नासिक के पुलिस कमिश्नर दीपक पांडे ने इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी है। कमिश्नर ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि सुशील पाटिल ने अपने बयान में कहा है कि उन्हें वैभव गहलोत से कोई शिकायत नहीं है।
पाटिल ने पुलिस के सामने दर्ज कराए गए अपने बयान में कहा है कि वह कभी भी वैभव गहलोत से नहीं मिले हैं और उन्होंने सीधे तौर पर कभी भी उन्हें कोई रकम नहीं दी है। पुलिस के मुताबिक सुशील पाटिल ने कहा कि उन्हें सचिन वलेरा ने धोखा दिया और वलेरा इस बात का दावा करता था कि वह अशोक गहलोत और उनके बेटे का करीबी है।
एफआईआर से हटेगा नाम
पाटिल ने पुलिस को बताया कि वलेरा यह भी दावा करता था कि वैभव उसकी कंपनी का हिस्सा हैं। पाटिल ने पुलिस से कहा कि वेरिफिकेशन किए जाने के बाद उसे पता चला कि वैभव गहलोत इस कंपनी का हिस्सा नहीं हैं और उनके साथ धोखाधड़ी हुई है।
पाटिल के द्वारा स्थानीय मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराने के बाद पुलिस की एफआईआर से वैभव गहलोत का नाम हटा दिया जाएगा। गहलोत राजस्थान की क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं और उन्हें अशोक गहलोत की राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी माना जाता है।
बीजेपी ने बोला था हमला
इस मामले के सामने आने के बाद राजस्थान में बीजेपी ने अशोक गहलोत पर हमला बोल दिया था। राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस मामले में स्थिति साफ करनी चाहिए क्योंकि राजस्थान के लोग सच जानना चाहते हैं।जबकि वैभव ने कहा था कि यह बात पूरी तरह मनगढ़ंत है और इस तरह की बातें आगे भी आती रहेंगी लेकिन वह लोगों के लिए काम करते रहेंगे।
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