सीबीआई ने बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ एनसीपी (एसपी) नेता अनिल देशमुख के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज की है। इसमें उन पर भाजपा नेताओं को झूठे मामलों में फँसाने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है। हालाँकि, अनिल देशमुख ने सीबीआई के आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ इस साजिश के लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की घबराहट है।
इन्हीं देवेंद्र फडणवीस पर अनिल देशमुख ने जुलाई महीने में विस्फोटक आरोप लगाए थे। उन्होंने फडणवीस पर झूठे आरोपों के ज़रिए महा विकास अघाड़ी यानी एमवीए सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था, 'तीन साल पहले देवेंद्र फडणवीस ने मेरे पास एक आदमी भेजा और मुझसे चार हलफनामे लिखने को कहा। मुझे उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, अजित पवार और अनिल परब के खिलाफ लिखित आरोप लगाने को कहा गया था।'
देशमुख ने दावा किया था कि एमवीए गठबंधन के प्रमुख नेताओं के खिलाफ आरोप मढ़ने का दबाव था। हालाँकि बीजेपी ने आरोपों का खंडन किया और कहा था कि उन्होंने ये आरोप तब क्यों नहीं लगाए।
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अपनी गिरफ्तारी का ज़िक्र करते हुए कहा था, 'मैं झुकने को तैयार नहीं था और इसीलिए ईडी और सीबीआई को मेरे पीछे लगाया गया।' देशमुख ने आगे आरोप लगाया कि उन्हें एक बहुत बड़ा झूठ गढ़ने और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे को बलात्कार और हत्या के मामले में फँसाने के लिए मजबूर किया गया था।
देशमुख पर मुंबई के रेस्टोरेंट और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूली करवाने का आरोप लगा था जिसके बाद अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय ने 2021 में गिरफ़्तार किया था।
उन्होंने भाजपा के 'दमनकारी शासन' का विरोध करने की अपनी प्रतिबद्धता भी जताई और लोगों से फडणवीस की कथित घटिया और निम्न-स्तरीय राजनीति पर फिर से विचार करने का आग्रह किया।
देशमुख ने कहा कि मतदाताओं ने पहले ही लोकसभा चुनावों में भाजपा को जवाबदेह ठहराया है। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन के लिए भी इसी तरह की उम्मीद जताई है।
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