बॉम्बे हाईकोर्ट ने बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत के मामले में महाराष्ट्र पुलिस की खिंचाई की और कहा कि इसमें गड़बड़ी लग रही है। इसने कहा कि हालांकि वह इस स्तर पर कोई संदेह नहीं जता रही है, लेकिन यह विश्वास करना बहुत कठिन है कि अक्षय शिंदे ने एक पुलिस अधिकारी से पिस्तौल छीन ली और गोली चला दी। अदालत ने कहा है कि घटना की निष्पक्ष जांच की ज़रूरत है।
बदलापुर- यह मानना मुश्किल कि आरोपी ने पिस्तौल छीन गोली चला दी: HC
- महाराष्ट्र
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- 25 Sep, 2024
हाईकोर्ट ने मुठभेड़ के समय मौजूद सभी पांच अधिकारियों को अपने सीडीआर रिकॉर्ड जमा करने का निर्देश दिया है और सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने का भी निर्देश दिया है।

हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि अक्षय शिंदे की गोली मारकर हत्या को टाला जा सकता था, लेकिन पुलिस ने पहले उसे काबू करने की कोशिश क्यों नहीं की? बॉम्बे हाई कोर्ट ने सवाल किया, 'आरोपी को पहले सिर में गोली क्यों मारी गई, पैर या हाथ में क्यों नहीं?' जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि यदि उसे पता चलता है कि जाँच ठीक से नहीं की जा रही है तो वह उचित आदेश पारित करने के लिए बाध्य होगी।