महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को 100 करोड़ रुपए वसूली के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। देशमुख पिछले 11 महीने से जेल में बंद हैं। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर मुंबई के रेस्टोरेंट और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूली करवाने का आरोप लगाया था जिसके बाद अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल गिरफ्तार कर लिया था। देशमुख को जमानत मिलने पर एनसीपी का कहना है कि अनिल देशमुख तो बाहर आ गए हैं अब नवाब मलिक भी बहुत जल्द बाहर आएंगे क्योंकि एजेंसियों के पास कुछ भी सबूत ही नहीं हैं।
पिछले 11 महीने से जेल में बंद अनिल देशमुख ने जमानत के लिए कई बार मुंबई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आख़िर में मंगलवार को हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख को सशर्त जमानत दे दी है। अदालत ने देशमुख को जमानत देते वक्त आदेश दिया है कि उनका पासपोर्ट जांच एजेंसी के पास ही रहेगा।
प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल जब अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया था तो उसने हाईकोर्ट को बताया था कि जब पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े को मुंबई पुलिस फोर्स में वापस जॉइन कराया था तो अनिल देशमुख ने वाज़े को मिलने के लिए सह्याद्री गेस्ट हाउस बुलाया था और उससे मुंबई के रेस्टोरेंट और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूली करने का आदेश दिया था।
ईडी ने अपनी चार्जशीट में भी उस समय बताया था कि 100 करोड़ रुपए की उगाही की बात सचिन वाज़े ने तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को बताई थी। इसके बाद परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर 100 करोड़ रुपए उगाही के मामले का खुलासा किया था।
पिछले साल ईडी ने जब अनिल देशमुख के ख़िलाफ़ अदालत में चार्जशीट फ़ाइल की थी तो उसमें बताया था कि अनिल देशमुख अक्सर सचिन वाज़े को मुलाक़ात के लिए अपने बंगले पर बुलाते रहते थे। इसके बाद देशमुख ने वाज़े से मुंबई के रेस्टॉरेंट, पब और बार से 100 करोड़ रुपये हफ्ता वसूलने के काम पर लगाया था। देशमुख ने अपने सरकारी निवास पर यह बात तत्कालीन डीसीपी राजू भुजबल और एसीपी संजय पाटिल से भी की थी।
ईडी की चार्जशीट में यह भी बताया गया था कि वाज़े बार वालों से उगाही गयी हफ्ते की रकम अपनी कार में ही रखा करता था।
ईडी ने देशमुख पर आरोप लगाया था कि सचिन वाजे ने अनिल देशमुख के कहने पर 16 बैग के जरिए 4 करोड़ 60 लाख रुपये देशमुख के पीए कुंदन शिंदे को दिए थे। सचिन वाजे ने साथ ही यह भी खुलासा किया था कि महाराष्ट्र में आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए 20 करोड़ की रक़म शिवसेना के नेता और मंत्री अनिल परब को और उनके पीए बजरंग खरमाटे को दी थी। इसके बाद अनिल देशमुख के दो पीए भी ईडी के राडार पर आ गए थे और ईडी ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया था।
अनिल देशमुख पर आरोप था कि उन्होंने गृहमंत्री रहते हुए सचिन वाज़े से 4.60 करोड़ रुपये लिए थे। पहले इस रक़म को दिल्ली की एक कंपनी को भेजा था। बाद में यह रक़म डोनेशन के रूप में अनिल देशमुख के ट्रस्ट श्री साईं शिक्षण संस्थान ट्रस्ट को भेजी गई। इस ट्रस्ट की देखभाल देशमुख परिवार करता है।
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