महाराष्ट्र की मुंबई में नगर निकाय में अलग ही तरह से कामकाज चल रहा है। विकास के काम करने के लिए सत्तारुढ़ बीजेपी और शिंदे की शिवसेना के विधायकों को तो फंड मिल रहा है, लेकिन विपक्षी दलों के विधायकों को एक रुपया भी नहीं मिला है। यह आरटीआई से खुलासा हुआ है। द इंडियन एक्सप्रेस ने इसको लेकर एक रिपोर्ट छापी है। इसमें कहा गया है कि मुंबई क्षेत्र में आने वाले 36 विधायकों में से सत्तारुढ़ बीजेपी के 21 विधायक हैं और उनको फंड मिले हैं, जबकि बाक़ी विपक्षी दलों के 15 विधायकों को कोई फंड नहीं मिला है। वैसे तो यह फंड बृहन्मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी के प्रतिनिधियों के लिए था, लेकिन चुनाव नहीं होने की वजह से इस फंड को विधायकों के माध्यम से ख़र्च किया जा रहा है।
'बीएमसी ने 500 करोड़ बाँटे, पूरे सत्तारूढ़ विधायकों को मिले, विपक्षी को कुछ नहीं'
- महाराष्ट्र
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- 31 Jan, 2024
महाराष्ट्र के बृहन्मुंबई नगर निगम में अजीबोगरीब हालात चल रहे हैं। दो साल से चुनाव नहीं हुए हैं तो विकास के फंड विधायकों को देना तय किया गया। ये फंड सत्तारुढ़ विधायकों को तो मिले, लेकिन विपक्ष को बिल्कुल भी नहीं। ऐसा क्यों?

यह फंड आमतौर पर 227 निर्वाचित बीएमसी नगरसेवक करते रहे थे। लेकिन देश के सबसे अमीर नगर निकाय बीएमसी में क़रीब दो साल से चुनाव ही नहीं हुए हैं। यानी बिना निर्वाचित निकाय के बीएमसी काम कर रही है। इसी वजह से सवाल आया उस फंड को ख़र्च करने का जो मुंबई में विकास कार्यों के लिए आवंटित किया जाता रहा है। पिछले साल 4 फरवरी को बजट पेश होने के कुछ दिनों बाद 16 फरवरी को बीएमसी ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया कि शहर को चलाने के लिए फंड का इस्तेमाल मुंबई के 36 विधायकों द्वारा किया जाएगा।