कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच महाराष्ट्र में अब ख़ून की किल्लत होने लगी है। लॉकडाउन के चलते इन दिनों रक्तदान के लिये होने वाले कार्यक्रमों का भी आयोजन नहीं हो पा रहा है। हालांकि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को ख़ून की कोई ज़रूरत नहीं है लेकिन जिन मरीजों का नियमित तौर पर डायलिसिस होता है, उन्हें और दूसरे अन्य मरीजों को ख़ून की ज़रूरत पड़ती है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि राज्य के पास जो अपना ब्लड स्टॉक है, वह 7 से 8 दिन का है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि लोग रक्तदान करने के लिये आगे आयें। इंडिया टुडे के मुताबिक़, महाराष्ट्र के चिकित्सा निदेशक टी.पी. लहाने ने कहा है कि कोरोना वायरस की महामारी के संक्रमण के दौरान भी रक्तदान किया जा सकता है और यह पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस ख़ून के द्वारा नहीं फैलता है। मराठी सिनेमा के कई कलाकारों ने भी लोगों से रक्तदान करने की अपील की है।
कोरोना वायरस के सबसे ज़्यादा मामले अब तक महाराष्ट्र में ही सामने आये हैं। सरकार के द्वारा लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी लोग इसे लेकर गंभीर नहीं हैं। कई हज़ार लोगों को क्वरेंटीन करना पड़ रहा है और ऐसे में अगर ब्लड बैंक में ख़ून की कमी की समस्या आती है तो इससे हालात और मुश्किल हो जायेंगे।
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