25 साल तक साथ रहने के बाद जब शिव सेना-बीजेपी पिछले साल नवंबर में अलग हुए तो भी उनके रिश्ते इतने तल्ख नहीं थे। उद्धव ठाकरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मान करते थे और इस साल हुई बाला साहेब ठाकरे की जयंती पर बीजेपी के तमाम नेता पहुंचे थे। ये एक-दूसरे के प्रति सम्मान रखने की बात थी और यह माना जाता था कि कट्टर हिंदुत्व की राजनीति करने वाले ये दोनों दल आने वाले समय में फिर से साथ आ सकते हैं। लेकिन सुशांत सिंह प्रकरण के कारण बीजेपी और शिव सेना के रिश्ते बेहद ख़राब हो गए हैं।
सुशांत केस के कारण और बिगड़े बीजेपी-शिवसेना के रिश्ते, आगे सुलह की कोई उम्मीद नहीं
- महाराष्ट्र
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- 11 Sep, 2020
सुशांत सिंह प्रकरण के कारण बीजेपी और शिव सेना के रिश्ते बेहद ख़राब हो गए हैं।

हिंदुस्तान टाइम्स (एचटी) के मुताबिक़, मुख्यमंत्री के एक क़रीबी राजनीतिक सलाहकार ने कहा कि सुशांत की मौत मामले में जिस तरह आदित्य को घसीटने की कोशिश की गई, उससे उद्धव और उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे दोनों नाराज हुए। उद्धव ने इस बात को राज्य सरकार मे मंत्री अनिल परब के जरिये विरोधी पक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस तक पहुंचाया। ठाकरे ने संदेश भिजवाया कि बीजेपी को व्यक्तिगत हमलों से दूर रहना चाहिए।
इसके बाद फडणवीस को भी सामने आकर मीडिया से यह कहना पड़ा था कि बीजेपी ने सुशांत मामले में कभी भी शिव सेना के किसी भी मंत्री का नाम नहीं लिया था। इसके बाद बीजेपी के नेताओं की आदित्य को लेकर आवाज़ धीमी हो गई थी।