मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश मारिया की किताब 'लेट मी से इट नाउ' ने विवादों का एक पिटारा खोल दिया है और इसके चलते प्रदेश की पुलिस की कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में आ गयी है। इस किताब के विमोचन पर मारिया ने विशेष रूप से शीना वोहरा हत्याकांड को लेकर अपने सहयोगी पुलिस अधिकारियों को कठघरे में खड़ा किया था कि 'मामले के अभियुक्तोें से संबंध होने के बावजूद उन अधिकारियों को इस जाँच से जोड़े रखा जबकि उन्हें इसकी सज़ा के रूप में दूसरे विभाग में पदोन्नत कर स्थानांतरण दे दिया गया।
हेमंत करकरे की मौत कसाब नहीं, पुलिस की गोली से हुई थी: पूर्व जज
- महाराष्ट्र
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- 20 Feb, 2020

पूर्व जज बी. जी. कोलसे पाटिल ने महाराष्ट्र के पूर्व एंटी टेररिस्ट स्क्वाड के प्रमुख हेमंत करकरे की हत्या का आरोप महाराष्ट्र पुलिस के ऊपर लगा दिया।
मारिया की इस किताब से विवादों का जिन्न निकला ही था कि पूर्व जज बी. जी. कोलसे पाटिल, जो राज्य में एलायन्स अगेंस्ट सीएए, एनआरसी और एनपीआर संगठन के अध्यक्ष भी हैं, ने महाराष्ट्र के पूर्व एंटी टेररिस्ट स्क्वाड के प्रमुख हेमंत करकरे की हत्या का आरोप महाराष्ट्र पुलिस के ऊपर लगा दिया। नागपुर में एक सभा के दौरान कोलसे पाटिल ने कहा कि करकरे की मौत कसाब की गोली से नहीं, महाराष्ट्र पुलिस की पिस्टल में प्रयोग में आने वाली 'प्वाइंट नाइन' की गोली से हुई थी। उन्होंने कहा कि यह कृत्य महाराष्ट्र पुलिस में हिन्दू विचारधारा वाले पुलिसकर्मी द्वारा किया गया है।