मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश मारिया की किताब 'लेट मी से इट नाउ' ने विवादों का एक पिटारा खोल दिया है और इसके चलते प्रदेश की पुलिस की कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में आ गयी है। इस किताब के विमोचन पर मारिया ने विशेष रूप से शीना वोहरा हत्याकांड को लेकर अपने सहयोगी पुलिस अधिकारियों को कठघरे में खड़ा किया था कि 'मामले के अभियुक्तोें से संबंध होने के बावजूद उन अधिकारियों को इस जाँच से जोड़े रखा जबकि उन्हें इसकी सज़ा के रूप में दूसरे विभाग में पदोन्नत कर स्थानांतरण दे दिया गया।