कॉर्डेलिया क्रूज़ ड्रग्स मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान सहित छह आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है। इसके बाद से सवाल उठ रहे हैं कि जब आर्यन खान से ड्रग्स मिली ही नहीं थी तो फिर आखिर उन्हें एनसीबी ने गिरफ्तार क्यों किया।
बता दें कि आर्यन खान को पिछले साल क्रूज़ ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया था। एनसीबी के अधिकारियों ने उस समय अदालत में बताया था कि आर्यन खान के संबंध अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करों से हैं।
यही कारण था कि आर्यन खान को 26 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था, लेकिन अब उसी एजेंसी द्वारा आर्यन खान को निर्दोष साबित करने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार एनसीबी के तत्कालीन जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने आर्यन खान पर शिकंजा क्यों कसा था।
एनडीपीएस की स्पेशल कोर्ट में शुक्रवार को एनसीबी ने आर्यन खान ड्रग्स मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। एनसीबी ने आर्यन खान समेत छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल नहीं की। इसका मतलब यह था कि एनसीबी को इन छह आरोपियों के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला, जिससे यह साबित किया जा सके कि इन सभी छह आरोपियों की इस मामले में कोई भूमिका थी।
एनसीबी ने अपनी चार्जशीट में इस बात का जिक्र किया है कि आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट की ड्रग्स को लेकर हुई वॉट्स एप चैट से पता चला है कि आर्यन खान ने अरबाज मर्चेंट को ड्रग्स साथ लेकर क्रूज़ पर आने से मना किया था और कहा था कि अगर वह ऐसा करता है तो इस समय एनसीबी काफी अलर्ट है और वह मुश्किल में फंस सकता है।
इसके अलावा एनसीबी की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को आर्यन खान के खिलाफ एक भी ऐसा सबूत नहीं मिला जिससे यह साबित किया जा सके कि आर्यन खान के संबंध ड्रग सिंडिकेट से हैं। चार्जशीट के हवाले से यह भी बताया गया है कि इस मामले के किसी भी आरोपी ने आर्यन खान का नाम अपने बयान में नहीं लिया था।
अरबाज मर्चेंट के हवाले से चार्जशीट में बताया गया है कि आर्यन ने उसे ड्रग्स लाने के लिए मना किया था। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को ऐसे तमाम सबूत मिले जिसके चलते आर्यन खान को इस मामले में क्लीन चिट दे दी गयी।
लेकिन ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब आर्यन खान से ड्रग्स बरामद नहीं हुई थी और ना ही उसने ड्रग्स का सेवन किया था तो फिर आखिरकार मुंबई के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े और उनकी टीम ने आर्यन खान को गिरफ्तार क्यों किया?
इसको लेकर कई थ्योरी सामने आ रही हैं।
नवाब मलिक ने लगाए थे आरोप
इस मामले के दौरान महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि वानखेड़े ने आर्यन खान को पैसों की उगाही के लिए गिरफ्तार किया था। गवाह के तौर पर सामने आए प्रभाकर सैल ने तो यह कहकर तहलका मचा दिया था कि आर्यन खान पर मामला नहीं बनाने के लिए पैसों की डिमांड की गई थी। कुछ दिन पहले ही प्रभाकर सैल की मौत हो गई थी।
ऐसी तमाम थ्योरी आने के बाद एनसीबी के डीजी एसएन प्रधान ने फैसला किया था कि इस मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम करेगी। संजय कुमार सिंह के नेतृत्व में बनी एसआईटी ने निष्पक्षता के साथ जांच करते हुए आर्यन खान और दूसरे अन्य आरोपियों को क्लीन चिट दे दी।
एनसीबी मुंबई उस जांच टीम के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना चुकी है जिसने आर्यन खान समेत बाकी आरोपियों को ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार किया था।
एनसीबी के डीजी एसएन प्रधान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि समीर वानखेड़े और दूसरे जांच अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है और हो सकता है कि जांच में दोषी पाए जाने पर समीर वानखेड़े को निलंबित भी किया जा सकता है।
ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि समीर वानखेड़े ने आर्यन खान से ड्रग्स नहीं मिलने की जानकारी क्या अपने वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी थी। अगर नहीं दी थी तो 7 महीने से ज्यादा वक्त तक इस मामले को क्यों दबाया गया?
सवाल यह भी उठता है कि आखिर एनसीबी में समीर वानखेड़े का गॉडफादर कौन है जिसने अभी तक उनको निलंबित होने या फिर गिरफ्तार होने से बचाए रखा। इतना जरूर कहा जा सकता है कि आने वाले कुछ दिन समीर वानखेड़े के लिए काफी मुश्किल भरे साबित हो सकते हैं।
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