उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अब समाजवादी पार्टी ने एनसीपी के साथ गठबंधन किया है। सपा नेता अखिलेश यादव ने गुरुवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से टेलीफोन पर बातचीत कर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एनसीपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने पर मुहर लगा दी। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने शरद पवार को उत्तर प्रदेश में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार करने के लिए भी आमंत्रित किया है। शरद पवार ने अखिलेश यादव का यह आमंत्रण स्वीकार कर लिया है और बहुत जल्द शरद पवार उत्तर प्रदेश में चुनावी सभाओं को संबोधित करते नज़र आ सकते हैं।
यह गठबंधन की घोषणा तब की गई है जब राज्य की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी में इस समय उथल-पुथल का दौर चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी से मंत्रियों और विधायकों का पार्टी छोड़ना जारी है। अभी तक योगी मंत्रिमंडल से तीन मंत्री इस्तीफा देकर अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं।
इस समय पूरे देश की निगाहें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर टिक गई हैं। अखिलेश यादव छोटी-छोटी पार्टियों को एक साथ लेकर विधानसभा चुनाव में उतरने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसी सिलसिले में अखिलेश यादव ने एनसीपी के मुखिया शरद पवार से टेलीफोन पर बातचीत की है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के बड़े नेता नवाब मलिक ने सत्य हिंदी को बताया कि शरद पवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फोन किया था और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक साथ लड़ने पर मुहर लगाई। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने यूपी के बुलंदशहर जिले की अनूपशहर विधानसभा सीट भी एनसीपी को दी है। इस सीट पर एनसीपी उम्मीदवार केके शर्मा समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के समर्थित उम्मीदवार होंगे।
नवाब मलिक ने साथ ही यह भी बताया कि अखिलेश यादव ने शरद पवार से उत्तर प्रदेश की कुछ विधानसभा सीटों पर प्रचार करने का अनुरोध भी किया है, जिसे पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने स्वीकार कर लिया है।
बहुत जल्द शरद पवार पार्टी के बड़े नेताओं के साथ उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करते हुए नज़र आ सकते हैं।
नवाब मलिक ने सत्य हिंदी से बातचीत में कहा कि पिछले काफी समय से अखिलेश यादव हमारी पार्टी के मुखिया शरद पवार से संपर्क में थे और बीजेपी को उत्तर प्रदेश में सबक सिखाने की रणनीति पर शरद पवार से विचार विमर्श कर रहे थे। मलिक ने यह भी खुलासा किया कि जिस तरह से शरद पवार ने महाराष्ट्र में कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई थी ठीक उसी तरह पवार ने यूपी में भी छोटे-छोटे दलों के साथ गठबंधन करने का सुझाव अखिलेश यादव को दिया था। अखिलेश ने शरद पवार के सुझावों पर अमल करते हुए उत्तर प्रदेश में कई छोटे दलों के साथ गठबंधन करने का फ़ैसला किया।
इससे पहले एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बोलबाला माना जाता था उसका नतीजा ही सामने आया है कि बड़े-बड़े मंत्री पार्टी छोड़कर जाने लगे हैं। पवार ने कहा कि बीजेपी में इस समय पिछड़ों और ग़रीब तबक़े के लोगों की आवाज़ उठाने वाला कोई नहीं बचा है। यही कारण है कि बीजेपी से अब तक क़रीब एक दर्जन के आसपास मंत्री और विधायक पार्टी छोड़ कर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का दामन थाम चुके हैं।
इससे पहले मंगलवार को शरद पवार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमला बोला था। पवार ने कहा था कि योगी आदित्यनाथ हमेशा धर्म की राजनीति करते आए हैं। वोटों के ध्रुवीकरण के लिए 80 फ़ीसदी बनाम 20 फ़ीसदी का बयान भी योगी ने इसीलिए दिया था। पवार ने कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं और पूरे राज्य की जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं ऐसे में उनको इस तरह के सांप्रदायिक बयान देने से बचना चाहिए।
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