महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले के एक अस्पताल में मंगलवार की रात आग लगने से चार मरीजों की मौत हो गई। मुम्ब्रा के प्राइम क्रिटिकेअर नामक निजी अस्पताल में रात के लगभग तीन बजे आग लग गई, तमाम कोशिशों के बाबवजूद चार रोगियों को नहीं बचाया जा सका।
राज्य सरकार के मंत्री जीतेंद्र आव्हाड ने इसकी पुष्टि की है, वह स्वयं अस्पताल गए थे। उन्होंने कहा कि घटना के समय उस अस्पताल में 17 रोगी भर्ती थे। दूसरे रोगियों को एक अन्य अस्पताल में भेज दिया गया है।
दमकल की तीन गाड़ियों और दो टैंकरों की मदद से आगू पर जल्द ही काबू पा लिया गया, आग बुझ चुकी है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मृतकों के आश्रितों को पाँच-पाँच लाख रुपए देने का एलान किया है।
राज्य सरकार ने इस आगजनी की जाँच का आदेश दे दिया है।
इसके पहले 23 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर ज़िले के वसाई के एक कोविड सेंटर में आग लगने से 14 मरीज़ों की मौत हो गई थी। मृतकों में सभी आईसीयू मरीज़ थे। बाक़ी मरीज़ों को सुरक्षित निकालकर दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
घटना की जानकारी मिलते ही फायर विभाग की गाड़ियाँ आग बुझाने के लिए मौक़े पर पहुँची। वसाई विरार नगर निगम के कंट्रोल रूम ने इसकी पुष्टि की है कि 14 मरीज़ों की मौत हुई है। रिपोर्ट के अनुसार आईसीयू वार्ड में आग लगी।
इस वारदात के पहले यानी 21 अप्रैल को महाराष्ट्र में ही एक बड़े हादसे में 24 कोरोना मरीज़ों की मौत हो गई थी। ये सभी वेंटिलेटर पर थे। घटना महाराष्ट्र के नासिक के ज़ाकिर हुसैन अस्पताल में हुई थी। टैंकर से ऑक्सीज़न रिफिलिंग के दौरान अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो जाने की वजह से मरीज़ों की जानें गई थीं।
लीक होने के दौरान क़रीब 30 मिनट तक ऑक्सीजन की आपूर्ति अस्पताल में बाधित रही। ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद होने के कारण मरीजों और उनके परिवार के सदस्यों में दहशत फैल गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल में हादसे के दौरान क़रीब 150 मरीज़ ऑक्सीज़न पर निर्भर थे या फिर वेंटिलेटर पर थे।
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