पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ की पहले ‘रामधुन’ और अब जागे ‘कृष्ण प्रेम’ ने उनकी अपनी पार्टी में खलबली मचा दी है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अज़ीज़ कुरैशी कमलनाथ पर जमकर बरसे हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय और विधायक दल की बैठक में ‘जय श्रीराम’ के नारों को उन्होंने चुल्लू भर पानी में डूब मरने वाली बात बताया।
बता दें, जन्माष्टमी की बधाई देने वाला कमलनाथ का एक पोस्टर वायरल हो रहा है। इस पोस्टर में कमलनाथ को ‘अर्जुन’ बताया गया है। पोस्टर में लिखा है मध्य प्रदेश में विकास के अर्जुन माननीय कमलनाथ। पोस्टर में यह भी लिखा है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से सभी को जन्माष्टमी की बधाई। इससे पहले भी इंदौर में निकाली गई शोभायात्रा में इसी तरह का पोस्टर नजर आया था।
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अज़ीज़ कुरैशी ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी किसी की बपौती नहीं है। कांग्रेस की धर्म निरपेक्ष छवि रही है। ऐसे में राम-कृष्ण को पीसीसी में जगह दिया जाना किसी भी सूरत में पार्टी के पक्ष में नहीं होगा।’
'नेहरू-गांधी के सपनों की हत्या'
कुरैशी ने कहा कि वे किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं और हनुमान चालीसा के पाठ में अपने दोस्तों के यहां जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं पुनः स्पष्ट करता हूं कि कांग्रेस के किसी भी नेता को यदि इस तरह के आयोजन करने हैं तो वह अपने घरों में करें, हम उनके साथ होंगे। पार्टी दफ्तर, मंच और फोरम पर इस तरह के आयोजन खून से सींच कर खड़ी की गई कांग्रेस पार्टी के साथ कुठाराघात हैं। नेहरू-गांधी के सपनों की हत्या है।’
मध्य प्रदेश में अज़ीज़ कुरैशी अकेले ऐसे नेता नहीं हैं जिन्होंने इतना खुलकर इस मुद्दे पर अपनी ही पार्टी के ख़िलाफ़ बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह भी कमलनाथ के ‘राम नाम और साॅफ्ट हिन्दुत्व’ पर खरी-खोटी सुना चुके हैं।
लक्ष्मण सिंह ने दो टूक कहा है, ‘वोटों के शुद्धिकरण के लिए गंगाजल बांटने और श्री राम के जयकारों से कांग्रेस का भला होने वाला नहीं है। ऐसा करने पर वोट घटेंगे।’ लक्ष्मण सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस को यदि अपनी पुरानी ताकत पुनः हासिल करनी है तो उसे दल-बदल, विकास और बुनियादी मुद्दों के साथ ही वोटरों के बीच जाना होगा। जायेंगे, तो फायदा होगा।’
‘साॅफ्ट हिन्दुत्व’ से नाराज, दिया इस्तीफा
कमलनाथ के ‘राम-कृष्ण प्रेम’ का 'विरोध' केवल बयानों तक ही सीमित नहीं है। जिला स्तर पर एक पदाधिकारी का इस्तीफा भी बुधवार को प्रदेश में हुआ है। खरगोन जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता यासिर पठान ने सभी पदों के साथ कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।
यासिर पठान ने कहा, ‘मैं कांग्रेस से उसके सर्वधर्म सम्भाव और धर्मनिरपेक्षता का पक्षधर होने की वजह से जुड़ा हुआ था। जब कांग्रेस सेक्युलर होने का अपना मूल मंत्र छोड़ रही है तो ऐसी पार्टी में रहने का कोई फायदा नहीं है।’ मुसलिम समाज से आने वाले कांग्रेस के अनेक नेताओं में यासिर की तरह ही बेचैनी का आलम बना हुआ है।
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पहले हो चुका है भारी बवाल
पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरूण यादव जब मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे तब पीसीसी में खूब बवाल हुआ था। पीसीसी के एक धड़े ने बीजेपी की तर्ज पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर में साल 2015 में गणेश प्रतिमा की स्थापना की थी। स्थापना के बाद तत्कालीन प्रदेश सचिव अकबर बेग और उनके मुसलिम साथियों ने ताजिए रखे जाने की जिद की थी, बकरा ईद मनाई थी और कबाब पार्टी की थी। तब पीसीसी दफ्तर में बकरा भी बांधा गया था और बहुत मुश्किल से यह बवाल खत्म हो पाया था।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मध्य प्रदेश विधानसभा, 2018 के चुनाव प्रचार के दौरान चित्रकूट गये थे, तब भी अल्पसंख्यक वर्ग ने नाखुशी जताई थी।
राहुल गांधी के जनेऊ धारण किए जाने पर भी मध्य प्रदेश कांग्रेस से जुड़े मुसलिम नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दबी जुबान में पूरे वाकये की मुखालफत की थी।
बीजेपी ने ली चुटकी
राम भक्त के बाद कृष्ण भक्त बने कमलनाथ पर चुटकी लेते हुए गृह मंत्री और मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा, ‘अर्जुन ने सेना की ऐसी हालत कभी नहीं की थी जैसी कमलनाथ ने कांग्रेस की, की है। पता नहीं, छापने वाले ने कैसे छाप दिया, हो सकता है उससे गलती हो गयी हो। कमलनाथ कभी सुंदरकांड करते हैं, कभी कृष्ण दरबार सजाते हैं, कुछ लोग होते हैं ऐसे, जो हालात देख कर बाजार लगाते हैं।’
साॅफ्ट हिन्दुत्व और उपचुनाव!
मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। कमलनाथ के ‘साॅफ्ट हिन्दुत्व’ को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और राजनैतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर ने प्रदेश कांग्रेस के हिन्दुत्व की झंडाबरदारी से जुड़े सवाल पर ‘सत्य हिन्दी’ से कटाक्ष भरे अंदाज में कहा, ‘कांग्रेस ताउम्र टोपी की राजनीति करती रही। अब वह अपने कपाल पर तिलक सजा रही है। इसका फायदा कांग्रेस को हो पायेगा, उम्मीद नहीं है।’
भटनागर कहते हैं, ‘एक लाइन में कहें तो उपचुनाव के ठीक पहले पीसीसी चीफ कमलनाथ और मध्य प्रदेश कांग्रेस असमंजस में नजर आ रहे हैं। पटरी छोड़ने पर न ख़ुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम जैसे हालात बन जाने की संभावनाएं बढ़ रही हैं।’
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