मध्यप्रदेश में कांग्रेस स्पष्ट बहुमत से चूक गई। कहां कमी रही, चुनावी नतीजे ही साफ़ तौर पर बताते हैं। कांग्रेस का खेल ख़राब करने में विंध्य और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र का रोल बेहद अहम रहा। इनमें से एक क्षेत्र तो अजय सिंह और दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाला माना जाता रहा है।

तमाम संभावनाओं के उलट कुल 30 सीट वाले विंध्य क्षेत्र में कांग्रेस महज छह सीटों पर सिमटकर रह गई। विंध्य में कांग्रेस की दुर्गति का आलम यह रहा कि मुख्यमंत्री पद के एक अहम दावेदार माने जा रहे अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह अपनी सीट चुरहट बुरी तरह से हार गए। उधर, मध्यप्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर-चंबल संभाग की कुल 34 सीटों में 11 सीटें ही कांग्रेस को मिल सकीं। साल 2013 के चुनाव नतीजों के मुक़ाबले सिंधिया के क्षेत्र में कांग्रेस को मात्र एक सीट का ही फ़ायदा मिल पाया।