भोपाल की बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने रेप के आरोपी रेलवे के एक अफसर का बचाव किया है। आरोप है कि रेलवे के एक एडीआरएम ने रेलवे में बतौर क्लर्क काम करने वाली महिला से कई बार रेप किया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। लेकिन सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का कहना है कि इस कांड में अकेले उस अफसर की गलती नहीं है। इसमें उस महिला की भी गलती है। बीजेपी सांसद का यह बयान काफी विवादित हो गया है। रविवार को रेलवे के एक कार्यक्रम में बीजेपी सांसद प्रज्ञा मुख्य अतिथि की हैसियत से शामिल हुईंं। उन्होंने कार्यक्रम में इस मामले का जिक्र किया। भोपाल के डीआरएम और देश भर के काफी संख्या में अफसर कार्यक्रम में मौजूद थे।
सांसद प्रज्ञा सिंह ने कहा, ‘दुष्कर्म के मामले में एडीआरएम तो जिम्मेदार हैं ही, लेकिन कहीं न कहीं महिला रेलकर्मी की भी गलती है, जिसने लालच में आकर खुद को समर्पित कर दिया। यदि कोई दबाव था या कोई अन्याय हुआ था तो उसी समय आकर कहना था। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को बताना था। अपने परिवार में भी बता सकती थी।’प्रज्ञा सिंह यहीं नहीं रूकीं उन्होंने आगे कहा, ‘मैं भी भोपाल में रहती हूं। दूसरे जनप्रतिनिधि भी हैं। मुझे या उन्हें बता सकती थी। उसी समय पुलिस को कह सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया।’ बीजेपी सांसद ने खुले मंच से कहा, ‘उन्होंने दुष्कर्म के मामले की जानकारी जुटाई है। गलती अकेले एडीआरएम की नजर नहीं आ रही है। मामले में महिला का भी दोष है।’
भोपाल की गोविंदपुरा पुलिस ने 7 मई को आरोपी अफसर गौरव सिंह के खिलाफ रेप का केस दर्ज कर लिया था। मामला सामने आने और रेलवे की बदनामी होने पर रेल प्रशासन ने आरोपी अधिकारी का तबादला चेन्नई कर दिया था। पहले तो आरोपी ने महिला के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। बाद में पुलिस जांच तेज होते ही वह फरार हो गया था। गोविंदपुरा पुलिस ने फरार अफसर पर गत दिवस 5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।
पश्चिम मध्य रेलवे भोपाल रेल मंडल के एडीआरएम रहे गौरव सिंह पर रेलवे की 25 वर्षीय क्लर्क के शारीरिक शोषण का आरोप है। 2019 में पिता की मौत के बाद रेलवे में अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने की कोशिश के दौरान यह महिला रेलवे के अफसर गौरव सिंह के संपर्क में आयी थी।आरोप है कि गौरव सिंह ने अनुकंपा नियुक्ति दिलाने और मनमाफिक पोस्टिंग का झांसा देकर 21 मार्च 2021 को भोपाल के गोविंदपुरा में अपने घर पर महिला से पहली बार रेप किया था। इसके बाद वह आये दिन महिला का दैहिक शोषण करता था। महिला को अनुकंपा नियुक्ति मिल गई थी।
आरोपी गौरव सिंह, एडीआरएम
पीड़ित महिला की हरदा में ही ड्यूटी थी। पीड़िता का विवाह हरदा के एक व्यापारी से हो गया था। अप्रैल में उसका हरदा से भोपाल ट्रांसफर हो गया। पोस्टिंग भोपाल एडीआरएम कार्यालय में थी। आरोप है कि एडीआरएम महिला को शादी के बाद भी दैहिक शोषण के लिए परेशान कर रहा था। बीती 4 मई को भी उसने रेलवे के रिटायरिंग रूम में रेप किया था।इस घटना के बाद वह पति से मिलने कार से उसके बताए स्थान पिपरिया पहुंची थी। जब पति वहां नहीं मिला था तो लौटते समय डिप्रेशन में कार में ही उसने हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने की भी कोशिश की। पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराकर बचा लिया था। इसके बाद उसकी काउंसलिंग की गई थी। काउसलिंग में महिला ने आपबीती शेयर की थी। इसके बाद नर्मदापुरम पुलिस ने शून्य एफआईआर करते हुए केस डायरी भोपाल भेज दी थी।
पुलिस में शिकायत के अनुसार आरोपी ने युवती के अश्लील वीडियो भी बनाये थे। इन्हें सार्वजनिक करने की धमकी देकर भी वह पीड़िता को डराता था। शोषण करने के लिए वीडियो का उपयोग करता था।
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