देश के भविष्य के लिए लोकसभा चुनाव 2019 बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। लेकिन इसमें सत्ताधारी पार्टी जीतने लायक मुद्दों की तलाश में आज भी लगी हुई है। चुनाव के ठीक पहले पुलवामा और बालाकोट की घटनाएँ हो गयीं। सत्ताधारी पार्टी के कुछ नेता उसी को मुद्दा बनाने की कोशिश करने लगे। पाकिस्तान को सबक़ सिखाने वाली बातें लगभग हर बीजेपी नेता के मुँह से सुनने को मिल रही थीं। बीजेपी के 2014 में प्रधानमंत्री पद के दावेदार, नरेंद्र मोदी ने उस समय जो प्रमुख वायदे किये थे उनमें नौजवानों के लिए प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरियाँ, किसानों की आमदनी दुगुनी करना जैसे लोकलुभावन मुद्दे शामिल थे। पाँच वर्षों में इस दिशा में सरकार कोई भी वायदा पूरा नहीं कर पायी। इसके अलावा नोटबंदी, जीएसटी जैसी योजनाएँ भी लाई गयीं जिनके बारे में 2019 के चुनावों में कोई ख़ास बातचीत सत्ताधारी पार्टी की तरफ़ से नहीं की जा रही है ज़ाहिर है उनका ज़िक्र करने से वोट कम होने का ख़तरा बना हुआ है।