महाराष्ट्र का क़िला वापस पाने के लिए कांग्रेस पूरी ताक़त से ज़मीन पर काम कर रही है। महागठबंधन का भी खाका तैयार कर लिया गया है। बीजेपी के बाग़ी कद्दावर नेता एकनाथ खड़से को लाने के लिए भी पूरे ज़ोर शोर से तैयारी चल रही है। लेकिन कांग्रेस के लिए ख़बर अच्छी नहीं है। घर के अंदर ही विरोध शुरू हो गया है। यह विरोध पार्टी के बड़े नेता और विधान सभा में नेता विपक्ष राधे कृष्ण विखे पाटिल के परिवार में ही हो रहा है। नेता विपक्ष राधे कृष्ण विखे पाटिल के बेटे डॉ सुजॉय विखे पाटिल ने एक बयान देकर सबको चौंका दिया है।
महागठबंधन से पहले कांग्रेस के घर में ही बग़ावत
- महाराष्ट्र
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- 28 Dec, 2018
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता राधे कृष्ण पाटिल के बेटे सुजॉय ने संकेत दिया है कि वे पार्टी छोड़ सकते हैं, इससे पार्टी नेतृत्व परेशान है। इसका असर पूरी पार्टी पर पड़ सकता है।

बड़ा झटका
डॉ सुजॉय विखे पाटिल ने ये कहकर सबको चौंका दिया है कि, 'ज़रूरी नहीं की माता-पिता जिस पार्टी की सेवा कर रहे हैं मैं भी उसी पार्टी के लिए काम करूँ। मेरा अपना भी मत है और मैं अपने विचारधारा के अनुसार अपनी पार्टी चुन सकता हूँ।' सुजॉय के इस बयान के काफ़ी मायने निकाले जा रहे हैं। अगर सही में वो कांग्रेस छोड़ने कि सोच रहें हैं तो यह पार्टी के लिए बड़ा झटका हो सकता है।
डॉ सुजॉय पाटिल की नाराज़गी की वजह है अहमदनगर सीट एनसीपी के खाते में जाना। अहमदनगर विखे पाटिल का गढ़ माना जाता है। राधा कृष्णा विखे पाटिल यहीं से विधायक हैं और उनकी पत्नी कांग्रेस से ही जिला परिषद् की सदस्य हैं। सुजॉय अपने लिए लोक सभा सीट की माँग कर रहे थे, लेकिन महागठबंधन के सीट बँटवारे में यह सीट एनसीपी के खाते में जा रही है। बस इसी बात से सुजॉय नाराज़ हैं। सूत्र बताते हैं कि इस नाराज़गी में उन्हें उनके पिता का भी समर्थन हासिल है। उन्हें लगता है की इस सीट को हासिल करने के लिए राज्य इकाई ने ज़्यादा मेहनत नहीं की जिससे यह उनके सहयोगी के खाते में जा रही है।