राहुल गाँधी ने वायनाड को देश के राजनीतिक मानचित्र पर ख़ास पहचान दिला दी है। पश्चिमी घाट की हरी-भरी सुंदर पहाड़ियों के बीच बसे वायनाड संसदीय क्षेत्र पर अब देश की ख़ास नज़र है। वायनाड को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। बड़ा सवाल यही कि पहली बार दक्षिण की किसी सीट से चुनाव लड़ने की वजह से कांग्रेस अध्यक्ष को किस तरह का फ़ायदा होगा? फ़ायदा होगा तो कितना होगा? क्या किसी तरह के नुक़सान की भी गुंजाइश है? क्या अमेठी में कड़े मुक़ाबले से घबरा कर ही राहुल गाँधी ने वायनाड से भी चुनाव लड़ने का निर्णय लिया? क्या वाकई वायनाड कांग्रेस अध्यक्ष के लिए सुरक्षित सीट है? इन्हीं सवालों को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है।
क्या वाकई वायनाड राहुल के लिए सुरक्षित सीट है?
- कर्नाटक
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- 4 Apr, 2019

राहुल गाँधी ने वायनाड को देश के राजनीतिक मानचित्र पर ख़ास पहचान दिला दी है। पश्चिमी घाट की हरी-भरी सुंदर पहाड़ियों के बीच बसे वायनाड को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। जवाब क्या होगा?