2014 में जब नरेंद्र मोदी की बयार चल रही थी तब भारतीय जनता पार्टी ने सारी जातिगत गणित को ग़लत साबित करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल की 27 सीटों में से 26 जीत ली थीं। इन सभी सीटों पर चुनाव छठे और सातवें चरण में होगा।
पूर्वांचल की 27 सीटों पर गठबंधन का सामना कैसे करेगी बीजेपी?
- विचार
- |
- |
- 9 May, 2019

पूर्वांचल की कम से कम 16 सीटों पर गठबंधन को 2014 में जो कुल वोट मिले थे वे बीजेपी को मिले वोटों से काफ़ी ज़्यादा थे। ग्यारह सीटों पर बीजेपी आगे थी। तो क्या बीजेपी की मुश्किल नहीं बढ़ेगी?
इस अप्रत्याशित परिणाम के दो मुख्य कारण थे। पहला तो यह कि यादवों को छोड़ कर सभी अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों ने बीजेपी के पक्ष में वोट दिया था। इनमें निषाद, मौर्या, पटेल, राजभर, कुशवाहा सभी शामिल थे। दूसरा, जाटवों के अलावा दलित वर्ग ने भी बीजेपी को जिताने में अपना योगदान दिया था।
एक और बड़ा कारण था कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी का अलग-अलग चुनाव लड़ना।