पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता राज्य की धर्मनिरपेक्ष, उदार और बौद्धिक राजनीति पर कई सवाल तो खड़े करती ही है, यह दूसरे राजनीतिक दलों की नीतियों और उनके कामकाज के तौर-तरीकों पर भी सवाल उठाती है। आख़िर क्या कारण है कि हाल फ़िलहाल तक राज्य की राजनीति के हाशिए पर खड़ी पार्टी सत्ताधारी दल को चुनौती दे रही है। बंगाली भद्रलोक और सांस्कृतिक-बौद्धिक रूप से संपन्न लोगों की भाषा अचानक उत्तेजक और आक्रामक क्यों हो गई है?