महज आँखें तरेरकर गठबंधन में मनमाफ़िक हिस्सेदारी पा बैठे लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान की तर्ज़ पर यूपी में बीजेपी गठबंधन में सबसे बड़े साझीदार अपना दल (एस) ने भी रंग दिखाना शुरू कर दिया है। 5 साल पुराने गठबंधन में पहली बार उत्तर प्रदेश में अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाले अपना दल (एस) ने बीजेपी को घुड़की दी है। अपना दल (एस) के इस तेवर के पीछे लोकसभा चुनाव में कुछ ज़्यादा हिस्सेदारी के साथ योगी के मंत्रिमंडल में कम से कम एक और मंत्री पद की चाह साफ़ नज़र आती है। गठबंधन के एक अन्य भागीदार ओमप्रकाश राजभर की सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी काफ़ी समय से विपक्ष जैसा व्यवहार कर ही रही है।
रामविलास पासवान की राह पर अपना दल (एस), माँगे मोर
- उत्तर प्रदेश
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- 26 Dec, 2018
जिस तरह तेवर दिखाने के बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की माँग को बीजेपी आलाकमान ने मान लिया, ठीक उसी तरह अपना दल (एस) भी अपनी कुछ माँगें पूरी करवाना चाहता है।

दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव और उसके भी पहले राज्यसभा व विधान परिषद चुनावों में बीजेपी ने अपना दल (एस) से एक मंत्री पद देने का वादा किया हुआ था। बीते छह महीनों से कई कारणों से यूपी में योगी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पा रहा है और इसी बीच लोकसभा चुनाव सिर पर आ गए हैं।
अपना दल (एस) को 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने गठबंधन के तहत मिर्ज़ापुर और प्रतापगढ़ की सीटें दी थीं। मिर्ज़ापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल जहाँ केंद्र में स्वास्थ्य राज्य मंत्री हैं, वहीं प्रतापगढ़ से सांसद हरिवंश सिंह पार्टी में फूट के बाद से दूसरे ख़ेमे में नज़र आ रहे हैं।